प्रदेश के स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में नियमित के अलावा सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स संचालित है। इनमें कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय से जुड़े कोर्स शामिल हैं। नियमित कोर्स में सरकारी फीस लागू है। जबकि सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स में सभी कॉलेज ने अलग-अलग फीस तय कर रखी है।
विद्यार्थियों से मिलने वाली फीस से कोर्स के खर्चे, जरूरत पडऩे पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति होती है। इन कोर्स की भारी-भरकम फीस होने के कारण विद्यार्थियों की आर्थिक परेशानियां बढ़ी हुई है। कई होनहार विद्यार्थी फीस के अभाव में दाखिलों से वंचित हो रहे हैं।
लागू होगी सरकारी फीस विभिन्न कॉलेज में संचालित सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स में सरकारी फीस लागू होनी है। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के मुताबिक इन्हें स्टेट फाइनेंसिंग योजना में परिवर्तित किया जाएगा। इसके चलते कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने 31 कॉलेज से सेल्फ फाइनेंसिंग कॉलेज की सूचना भेजने को कहा है।
यह कॉलेज सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर, राजकीय महाविद्यालय बारां, डीग, मीरा कन्या महाविद्यालय उदयपर, टोंक, देवली, श्रीगंगानगर, नीम का थाना, पाली, नाथद्वारा, कोटा (कन्या) कोटा कॉमर्स कॉलेज, खेतड़ी, पीपाड़ सिटी, बीकानेर, चित्तौडगढ़़, निम्बाहेड़ा, तारानगर, दौसा, लालसोट, बांदीकुई, दौसा, धौलपुर, नोहर, राजकीय महाविद्यालय, चिमनपुरा, कला महाविद्यालय चिमनपुरा, शाहपुरा कन्या, चौमू कन्या, राजकीय महाविद्यालय कोटपूतली
चुनाव कार्यक्रम पर छात्र संगठनों की नजरें छात्र संगठनों की चुनाव कार्यक्रम पर नजर टिकी हैं। सरकारी और निजी कॉलेज एवं महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव अगस्त में होंगे। सभी संस्थाओं में प्रवेश कार्य पूरा होने के बाद मतदाता सूची बनाई जाएंगी।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, राजकीय कन्या महाविद्यालय, दयानंद कॉलेज, संस्कृत कॉलेज, श्रमजीवी कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर और स्नातक कक्षाओं में प्रवेश जारी है। इसके अलावा सोफिया और जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भी चुनाव होंगे। सभी संस्थाओं में जल्द मतदाता सूची बनना शुरू होंगी।
छात्र संगठन हुए सक्रिय अगस्त में छात्रसंघ चुनाव प्रस्तावित होने के चलते छात्र संगठन सक्रिय हो गए हैं। एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अलावा कई छात्र निर्दलीय भी ताल ठोकेंगे। इन्होंने विजिटिंग कार्ड और पोस्टर-पेम्पलेट छपवाए हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालय में दाखिलों के चलते भावी उम्मीदवारों की सक्रियता बढ़ गई है। छात्र संगठनों की निगाहें चुनाव कार्यक्रम पर टिकी हैं। इसके अनुरूप वे प्रत्याशियों के पैनल तय करेंगे। मालूम हो इस साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले होने वाले छात्रसंघ चुनाव सरकार के लिए परीक्षा साबित होंगे।
लॉ कॉलेज में संकट…
कॉलेज में प्रथम वर्ष में दाखिले शुरू नहीं हुए हैं। यहां लगातार 13 वें वर्ष में द्वितीय और तृतीय तथा एलएलएम के विद्यार्थी ही चुनाव में भाग लेंगे। सोफिया कॉलेज में सिर्फ अध्यक्ष पद पर चुनाव होगा। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में दो समूहों के बीच विभिन्न पदों पर चुनाव कराया जाएगा।
कॉलेज में प्रथम वर्ष में दाखिले शुरू नहीं हुए हैं। यहां लगातार 13 वें वर्ष में द्वितीय और तृतीय तथा एलएलएम के विद्यार्थी ही चुनाव में भाग लेंगे। सोफिया कॉलेज में सिर्फ अध्यक्ष पद पर चुनाव होगा। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में दो समूहों के बीच विभिन्न पदों पर चुनाव कराया जाएगा।