प्री-प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने 34 दिन से सीबीएसई से जुड़े स्कूल की दहलीज भी नहीं देखी है। यही हाल चौथी, छठी, नवीं कक्षाओं का है। अजमेर के मिशनरी, पब्लिक स्कूल ने जनवरी से मार्च तक प्री. प्राइमरी के विद्यार्थियों को प्रवेश दिए थे। लेकिन कक्षाएं नहीं लग पाई है। सीबीएसई की दसवीं की परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं। प्रमोट फार्मूले के आधार पर परिणाम 20 जून को जारी होगा। इसके बाद ही ग्यारहवीं कक्षा में दाखिले संभव होंगे।
कोरोना संक्रमण के चलते नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी में बच्चों के दाखिले कराने वाले कई परिजन प्लान बदलने में जुटे हैं। महामारी को देखते हुए वे बच्चों को स्थिति सामान्य होने तक स्कूल नहीं भेजना चाहतेहैं। राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूल में फिलहाल प्रवेश नहीं हुए हैं।
नर्सरी, एलकेजी-यूकेजी: 8 से 10 हजार
चौथी, छठी, नवीं-ग्यारहवीं: 650 से 1000
सरकारी स्कूल में प्रवेश-25 से 30 हजार
(पहली से बारहवीं तक) स्कूल के सामने हैं यह चुनौतियां….
-प्री.प्राइमरी के बच्चों को कई परिजन नहीं भेजेंगे स्कूल
-दसवीं के विद्यार्थी परिणाम आने के बाद लेंगे दूसरे स्कूल में दाखिले
-कक्षाओं में 45 से 70 विद्यार्थियों कारण बनाने पड़ेंगे अतिरिक्त सेक्शन
-विद्यार्थियों का ऑनलाइन प्रवेश टेस्ट लेना मुश्किल
-नए प्रवेश देने पर अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था