17 दिसंबर 2018 को राज्य में अशोक गहलोत सरकार सत्तारूढ़ हुई। अजमेर जिले के प्रभारी मंत्री के रूप में साल 2019 में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया को कमान सौंपी गई। वे चार-पांच दौरे पर आए। मार्च से मई 2020 तक देशव्यापी लॉकडाउन के चलते भाया कोई दौरा नहीं कर सके।
पिछले साल जुलाई में उपजे सियासी संकट के बाद सरकार ने 13 सितंबर को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया को अजमेर का प्रभारी मंत्री बनाया। वे 7 अक्टूबर को अजमेर और 22 दिसंबर 2020 को केकड़ी आए। इसके बाद बीती 4 अक्टूबर को केकड़ी का दौरा किया। उन्होंने जिले के 14 माह के प्रभार के दौरान वीडियो कॉन्फे्रंसिंग से ही फीडबैक लिया।
अजमेर जिले की सियासी और प्रशासनिक बंदोबस्त जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय देखेंगे। उन्हें एक तरफ सरकार की तीन वर्षीय उपलब्धियां-कार्यक्रम जनता तक पहुंचाने हैं। साथ ही बगैर संगठन संचालित कांग्रेस को भी संभालना है। दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा मालवीय की अग्नि परीक्षा 6 दिसंबर से ही शुरू होने वाली है।
-कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निबटने की तैयारी
-सरकार के घोषणा पत्र का क्रियान्वयन
-सरकार के तीन साल के कामकाज की समीक्षा
-शहर के प्रशासनिक अमले की मॉनिटरिंग
-जबरदस्त गुटबाजी में बंटे कांग्रेसियों को साधना