सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित देश के सभी विश्वविद्यालयों की सालाना परीक्षाओं में देरी होना तय है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ज्यादातर विश्वविद्यालयों-बोर्ड ने विद्यार्थियों की परीक्षाएं टाल दी हैं। ऐसे में संस्थानों और विद्यार्थियों की दिक्कतें बढ़ेंगी। पिछले साल की तरह स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के नए सत्र तक इसका असर पड़ेगा।
सीबीएसई ने दसवीं की परीक्षा रद्द और बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित की हैं। इसी तरह राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं-बारहवीं की परीक्षाएं भी स्थगित की गई हैं। अजमेर सहित जयपुर जोधपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा, बीकानेर और अन्य विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर विषयों की वार्षिक, प्रायोगिक और सेमेस्टर परीक्षाएं भी टाली गई हैं।
परीक्षाओं से परिणाम तक देरी
सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं टल चुकी हैं। पूर्व निर्धारित टाइम टेबल के मुताबिक सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं तो मई में खत्म हो रही थीं। अब परीक्षा और परिणाम में विलंब होना तय है। विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं भी जून-जुलाई अथवा अगस्त-सितंबर तक चलने के आसार हैं।
सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं टल चुकी हैं। पूर्व निर्धारित टाइम टेबल के मुताबिक सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं तो मई में खत्म हो रही थीं। अब परीक्षा और परिणाम में विलंब होना तय है। विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं भी जून-जुलाई अथवा अगस्त-सितंबर तक चलने के आसार हैं।
जेईई मेन तृतीय परीक्षा स्थगित
जेईई मेन तृतीय चरण की परीक्षा 27 से 30 अप्रेल होनी थी। कोरोना संक्रमण के चलते नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसे स्थगित कर दिया है। चतुर्थ चरण की परीक्षा 24 से 28 मई तक होनी प्रस्तावित है। इस पर खतरा मंडरा रहा है। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति खराब है। परीक्षा और परिणाम में भी देरी होने के आसार हैं।
जेईई मेन तृतीय चरण की परीक्षा 27 से 30 अप्रेल होनी थी। कोरोना संक्रमण के चलते नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसे स्थगित कर दिया है। चतुर्थ चरण की परीक्षा 24 से 28 मई तक होनी प्रस्तावित है। इस पर खतरा मंडरा रहा है। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति खराब है। परीक्षा और परिणाम में भी देरी होने के आसार हैं।
कब-कब हुई देरी से परीक्षा
-वर्ष 1982 में छात्रों की मांग पर अप्रेल में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव कराए गए। तब मौजूदा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे। चुनाव के चलते अगस्त तक परीक्षाएं करानी पड़ीं थी।
-2017 में चेन्नई में नवंबर-दिसंबर में बाढ़ के चलते स्कूल-कॉलेज-विश्वविद्यालय की परीक्षाएंं देरी से हुई।-2018 में फरवरी-मार्च में जाट आरक्षण आंदोलन के चलते हरियाणा के बोर्ड और विश्वविद्यालयों में विलंब
-2008 में मई-जून में राजस्थान के गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में विलंब
-2020 में कोरोना संक्रमण-लॉकडाउन के चलते बोर्ड, विवि और कॉलेज परीक्षाओं में विलंब
-वर्ष 1982 में छात्रों की मांग पर अप्रेल में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव कराए गए। तब मौजूदा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे। चुनाव के चलते अगस्त तक परीक्षाएं करानी पड़ीं थी।
-2017 में चेन्नई में नवंबर-दिसंबर में बाढ़ के चलते स्कूल-कॉलेज-विश्वविद्यालय की परीक्षाएंं देरी से हुई।-2018 में फरवरी-मार्च में जाट आरक्षण आंदोलन के चलते हरियाणा के बोर्ड और विश्वविद्यालयों में विलंब
-2008 में मई-जून में राजस्थान के गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में विलंब
-2020 में कोरोना संक्रमण-लॉकडाउन के चलते बोर्ड, विवि और कॉलेज परीक्षाओं में विलंब
सीबीएसई में पहली बार प्रमोट फार्मूला
बारहवीं-दसवीं की परीक्षा स्कूली विद्यार्थी का सर्वोच्च मूल्यांकन हैं। इनकी परीक्षाओं के बगैर विद्यार्थियों को प्रमोट करने का प्रावधान नहीं हैं। लेकिन सीबीएसई को दसवीं की परीक्षाएं रद्द करने से प्रमोट फार्मूला बनाना जरूरी होगा। हालांकि स्कूल पर पहली से नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फैसला हो चुका है।
बारहवीं-दसवीं की परीक्षा स्कूली विद्यार्थी का सर्वोच्च मूल्यांकन हैं। इनकी परीक्षाओं के बगैर विद्यार्थियों को प्रमोट करने का प्रावधान नहीं हैं। लेकिन सीबीएसई को दसवीं की परीक्षाएं रद्द करने से प्रमोट फार्मूला बनाना जरूरी होगा। हालांकि स्कूल पर पहली से नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फैसला हो चुका है।