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Big Issue: अजमेर से ऐसी भी क्या नाराजगी जनाब, कैसे चलेंगे यहां के सरकारी दफ्तर

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अजमेरMar 15, 2019 / 06:20 am

raktim tiwari

key post vacant

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अजमेर.

प्रदेश सरकार ने शायद अजमेर को भुला दिया है। यहां के कई सरकारी महकमे-संस्थाएं कार्यवाहकों के ‘भरोसे ’ संचालित है। कहीं तीन साल तो कहीं पांच महीने से मुखिया नहीं है। स्थाई-वैकल्पिक नियुक्तियों के अभाव में महकमों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इन दफ्तरों-संस्थानों में केवल पत्रावलियां निकल रही हैं। खास फैसले और योजनाएं अटकी हुई हैं।
कुलपति के कामकाज पर रोक
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में 11 अक्टूबर से कुलपति के कामकाज पर रोक लगी हुई है। इसके चलते विश्वविद्यालय के अहम वित्तीय, प्रशासनिक और शैक्षिक कार्य गड़बड़ा गए हैं। राजभवन ने कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के स्थान पर किसी अन्य विश्वविद्यालय के कुलपति को कार्यभार नहीं सौंपा है। यहां कुलसचिव का पद भी रिक्त है। फिलहाल वित्त नियंत्रक ही कुलसचिव पद का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे हैं। विश्वविद्यालय में सहायक अभियंता का पद भी रिक्त है।
कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे कॉलेज

राजकीय बॉयज और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में मौजूदा वक्त स्थाई प्राचार्य नहीं है। बॉयज कॉलेज में तो वर्ष 2015 से स्थाई प्राचार्य पद रिक्त हैं। यहां बीते तीन साल में डॉ. डॉ. जे. पी. भामू और प्रो. रंजन माहेश्वरी ने अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली। हाल में कॉलेज के रीडर डॉ. रोहित मिश्रा को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। कॉलेज की आर्थिक स्थिति तो बहुत खराब हैं। यहां प्रतिमाह स्टाफ का वेतन चुकाने में कॉलेज को पसीने छूट रहे हैं। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में भी दिसंबर 2017 से स्थाई प्राचार्य नहीं है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों डॉ. जे. के. डीगवाल को कार्यवाहक प्राचार्य बनाया है।
सदस्य का पद रिक्त
राजस्थान लोक सेवा आयोग में लम्बे अर्से से एक सदस्य का पद रिक्त है। नियमानुसार आयोग में अध्यक्ष के अलावा सात सदस्य होते हैं। मौजूदा वक्त अध्यक्ष दीपक उप्रेती के अलावा डॉ. आर. डी. सैनी, डॉ. शिवसिंह राठौड़, डॉ. के. आर. बगडिय़ा, सुरजीलाल मीना, राजकुमारी गुर्जर और रामूराम राईका ही सदस्य हैं। सातवें सदस्य का पद बीते तीन-चार साल से रिक्त चल रहा है। मालूम हो कि आयोग में वर्ष 2017 में करीब ढाई महीने और पिछले साल भी करीब 70 दिन तक अध्यक्ष पद खाली रहा था।

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