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Big Issue: डोटासरा के रिश्तेदार ने कैसे बनाया ओबीसी सर्टिफिकेट !

locationअजमेरPublished: Jul 23, 2021 09:08:06 am

Submitted by:

raktim tiwari

प्रतिभा के भाई गौरव और बहन प्रभा पूनिया का आरएएस 2018 भर्ती में चयन हुआ है। दोनों को साक्षात्कार में 80-80 अंक मिले हैं।

OBC certificate issue

OBC certificate issue

अजमेर. शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की पुत्रवधु के भाई-बहन को आरएएस साक्षात्कार में 80-80 अंक देने का विवाद फिलहाल थमता नहीं दिख रहा। अब भर्ती में उनके ओबीसी सर्टिफिकेट से लाभ लेने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कई शिकायकर्ताओं ने आयोग को पत्र भेजकर सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज कराने की मांग की है।
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की पुत्रवधू प्रतिभा के भाई गौरव और बहन प्रभा पूनिया का आरएएस 2018 भर्ती में चयन हुआ है। दोनों को साक्षात्कार में 80-80 अंक मिले हैं। अब इनके ओबीसी सर्टिफिकेट से भर्ती में लाभ लेने पर सवाल खड़े हो गए हैं।
डाइट प्राचार्य हैं पिता
एडवोकेट गोवद्र्धन सिंह, सहीराम गोदारा, गोपालसिंह, रविंद्र सिंह, गोपाल पूनिया, प्रमेश्वर पिलानिया और अन्य ने आयोग अध्यक्ष सहित सदस्यों के नाम पत्र जारी किया है। इसमें बताया कि रमेशचंद्र पूनिया की जन्म तिथि 5 सितंबर 1961 है । वह 8 दिसंबर 1992 में जिला शिक्षा अधिकारी बने थे। यानि 32 साल 3 महीने उन्हें प्रमोशन मिला। ऐसे में उनकी संतान ओबीसी क्रीमीलेयर श्रेणी में आएगी। उन्हें ओबीसी कोटे का लाभ नहीं मिल सकता है।
तीनों को मिला लाभ
शिकायत में कहा गया है कि पूनिया की बेटी प्रतिभा का ओबीसी कैटेगरी में आरएएस 2016 में चयन हुआ। इसकी जन्मतिथि 16 जुलाई 1990 है। इसी तरह गौरव पूनिया का मेरिट क्रमांक 167 है। इनका जन्म 4 अक्टूबर 1994 को हुआ। जबकि प्रभा पूनिया का जन्म 5 जनवरी 1999 को हुआ। इसका मेरिट क्रमांक 316 है। इनका भी ओबीसी कैटेगरी में चयन हुआ है। इन्होंने कूटचरित और मिथ्या दस्तावेजों के आधार पर ओबीसी का प्रमाण पत्र बनवाया। इनके खिलाफ सिविल लाइंस थाने पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी चाहिए।
नौकरी के शुरुआत में बेसिक पे 6500 थी। क्रीमिलेयर में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आठ हजार रूपए बेसिक-पे निर्धारित थी। मैं 43 साल में प्रथम गे्रड का अधिकारी बना हूं। पहले की बेसिक-पे वाले सभी लोगों ने ओबीसी के प्रमाण पत्र बनाए है। साल 2019 में सरकार ने सर्कुलर जारी किया था। जो अब हैडमास्टर और व्याख्याता बने हैं, उनका पे-स्केल अलग बना हुआ है। मैं क्रीमिमिलेयर में कैसे आ सकता हूं। कार्मिक विभाग के निमयानुसार कैटेगरी सही भरी है।
रमेशचन्द्र पूनिया, प्रिंसिपल, डाइट चूरू

वर्ग विशेष के अभ्यर्थी उपखंड-जिला स्तर के सक्षम अधिकारी से जारी वांछित सर्टिफिकेट लगाते हैं। इसके आधार पर आयोग उन्हें पात्र मानता है। बाद में परीक्षा-साक्षात्कार में सफल अभ्यर्थियों के नाम आयोग कार्मिक और संबंधित विभाग को नियुक्ति के लिए भेजता है। वहां उसकी शैक्षिक योग्यता, जाति और अन्य प्रमाण पत्रों की गहन जांच होती है।
डॉ.भूपेंद्र यादव, अध्यक्ष, राजस्थान लोक सेवा आयोग
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