डोटासरा-दरअसल गरीब, किसान, दलित-मजदूर और ग्रामीण क्षेत्र का बच्चा अपनी काबिलियत और पढ़ाई कर आगे बढऩे लगा है। ग्रामीण क्षेत्र से जब पिछड़े तबके के बच्चे आगे आते हैं तो पहले से सिस्टम पर कब्जा जमाए लोगों को तकलीफ होती है। इसको लेकर वे ईष्र्या करते हैं। मैंने आरएसएस के निम्बाराम की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया तो राजनैतिक माहौल बनना ही था।
सवाल-आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, क्या सरकार कोई जांच कराएगी?
जवाब-आरपीएससी एक संवैधानिक भर्ती संस्था है। उसकी प्रतिष्ठा और एक सक्षम फुल बैंच (कमीशन) है। पहले तो कोई शिकायत आने पर वह भर्ती या परीक्षात्मक मामलों की जांच करता है। सरकार तो कोई वास्तविक शिकायत आने पर उसकी जांच कराती है।
सवाल-राज्य में कबसे चर्चाएं जारी हैं, मंत्रीमंडल विस्तार कब तक होगा?
जवाब-यह सीएम अशोक गहलोत का विशेषाधिकार है। फिर हंसते हुए बोले… अभी तो बरसात का मौसम बना है, इसका सबका मजा लेने दो।
सवाल- सचिन पायलट गुट के विधायकों को मंत्रीमंडल में जगह मिलेगी तो क्या फार्मूला रहेगा?
जवाब-कांग्रेस कोई गुट नहीं एक मजबूत और संगठित पार्टी है। आलाकमान, सीएम गहलोत और अन्य वरिष्ठ नेताओं की सहमति से जो भी फार्मूला बनेगा वह सबको सर्वमान्य होगा।
जवाब-पहले भी विशेषज्ञों की राय से स्कूल से 2 अगस्त से स्कूल खोलने का फैसला हुआ था। हम चाहते थे कि पूरे सुरक्षा इंतजामों से स्कूल खुलें और बच्चे पढ़ाई करें। फिर भी विशेषज्ञों और वरिष्ठ चिकित्सकों ने सुझाव दिए हैं। सीएम ने डॉ.रघु शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। यह दो-तीन में सुझाव सीएम को रिपोर्ट सौंपेगी। उसके बाद कक्षावार स्कूल खोलने को लेकर अधिकृत कार्यक्रम जारी होगा।
जवाब-भर्तियां आरपीएससी के माध्यम से हुई हैं। जिन्हें तकलीफ है, वे चाहें तो जांच कराएं, उन्हें जवाब मिल जाएगा।