उच्च शिक्षा विभाग के 300 से ज्यादा सरकारी और 1200 से ज्यादा निजी कॉलेज हैं। इनमें भी करीब 20 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं।
vocational and job oriented courses
अजमेर. राज्य के स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों-युवाओं के लिए व्यावसायिक और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकार ने इसको ध्यान में रखते हुए कई कोर्स प्रारंभ किए हैं। लेकि बड़े स्तर के व्यावसायिक और रोजगारोन्मुखी कोर्स कम हैं। इ विद्यार्थियों को त्वरित रोजगार मिल सकता है।
राज्य में 20 से ज्यादा सरकारी और निजी विश्वविद्यालय हैं। इनके अलावा सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में करीब 50 हजार सीट हैं। सरकारी और निजी पॉलेटेक्निक कॉलेज में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की 49 हजार 921 सीट हैं। सरकारी कॉलेज में करीब 4 हजार 566 और निजी कॉलेज में 45 हजार 355 सीट हैं। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के 300 से ज्यादा सरकारी और 1200 से ज्यादा निजी कॉलेज हैं। इनमें भी करीब 20 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं।
चलते थे व्यावसायिक पाठ्यक्रम सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूल में लकड़ी के उत्पाद बनाने, रेडियो-टेप रिकॉर्डिंग रिपेयरिंग, वेल्डिंग, कृषि और अन्य शिक्षा दी जाती थी। राज्य के सरकारी स्कूल-कॉलज में में सिलाई, बुनाई-कढ़ाई, लकड़ी के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे व्यावसायिक शिक्षा बंद हो गई। अब स्कूल स्तर पर कंप्यूटर शिक्षा, ब्यूटीशियन, रिटेल मार्केट, बेकार सामग्री से उत्पाद बनाने, मॉडल-चार्ट, पेंटिंग, बनाना सिखाया जाता है।
कॉलेज-विश्वविद्यालयों में कमी उच्च शिक्षा विभाग के कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर रेडियो-टीवी-मोबाइल रिपेयरिंग, फैशन डिजाइनिंग, लकड़ी की कला और अन्य कौशल विकास पाठ्यक्रमों की कमी है। इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेज का दायरा नई ब्रांच खोलने तक सिमटा है। इनमें बैंकिंग-फाइनेंस सर्टिफिकेट, सेल्स रिटेल मार्केटिंग, लैंग्वेज सर्टिफिकेट, डिजिटल पेमेंट, ई-फाइल मैंटेनेंस जैसे लघु कोर्स नहीं हैं।
इन कोर्स में त्वरित रोजगार प्रोस्थेटिक्स एन्ड ऑर्थेटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, मेटेलर्जिकल इंजीनियरिंग, सैंडविच मेकेनिक्स, पॉलीमर टेक्नोलॉजी, ग्रीन केमिस्ट्री, थियेयर एन्ड आर्ट, नैनो टेक्नोलॉजी, कॉमर्शियल प्रेक्टिस, कम्प्यूटर एप्लीकेशन एन्ड बिजनेस मैनेजमेंट और अन्य
फैक्ट फाइल… अजमेर में शिक्षा का स्तर-82.7 आर्थिक सक्षमता-6.3 प्रतिशत स्थाई विकास-56.07 तकनीकी क्षेत्र में भागीदारी-11.5 प्रतिशत प्रबंधन और अन्य क्षेत्र में भागीदारी-10.2 प्रतिशत (स्त्रोत-इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर) व्यावसायिक और कौशल आधारित कोर्स बेहद उपयोगी हैं। पहले स्कूल-कॉलेज स्तर पर इलेक्ट्रिक वायरिंग, रिपेयरिंग, वुड वर्क जैसे व्यवसाय सिखाए जाते थे। नई शिक्षा नीति में लघु-सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों पर भी जोर दिया गया है। तकनीकी शिक्षा विभाग और सरकार के निर्देशानुसार ऐसे कोर्स चलाए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को त्वरित रोजगार मुहैया होगा।