कराह रही है धरती
अंधाधुंध खनन, कॉलोनियों के विकास और घटती हरियाली ने पृथ्वी को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया। मनुष्य ने खुद का विकास तो कर लिया, लेकिन धरती को विनाश की तरफ धकेल दिया है। बदलते पर्यावरण, बढ़ते तापमान, कहीं अतिवृष्टि तो कहीं सूखा..इन सबके लिए हम जिम्मेदार हैं।
अंधाधुंध खनन, कॉलोनियों के विकास और घटती हरियाली ने पृथ्वी को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया। मनुष्य ने खुद का विकास तो कर लिया, लेकिन धरती को विनाश की तरफ धकेल दिया है। बदलते पर्यावरण, बढ़ते तापमान, कहीं अतिवृष्टि तो कहीं सूखा..इन सबके लिए हम जिम्मेदार हैं।
यह होंगी गतिविधियां… -संस्थान परिसरों को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त रखना
-लघु मैराथन दौड़ का आयोजन -शहर-संस्थानों में हरियाली को बढ़ावा
-प्लास्टिक के कप, बैग, प्लेट और अन्य सामग्री के इस्तेमाल पर रोक -नुक्कड़ नाटक और लघु जन जागरुकता कार्यक्रम
-पर्यावरण संरक्षण और पौधरोपण की जानकारी के लिए प्रदर्शनी
-लघु मैराथन दौड़ का आयोजन -शहर-संस्थानों में हरियाली को बढ़ावा
-प्लास्टिक के कप, बैग, प्लेट और अन्य सामग्री के इस्तेमाल पर रोक -नुक्कड़ नाटक और लघु जन जागरुकता कार्यक्रम
-पर्यावरण संरक्षण और पौधरोपण की जानकारी के लिए प्रदर्शनी