विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष 1 अगस्त को दीक्षान्त समारोह कराता है। इस बार बीती 21 जुलाई को तत्कालीन कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली का निधन होने से राज्यपाल कल्याण सिंह ने दीक्षान्त समारोह स्थगित कर दिया था। जबकि विश्वविद्यालय की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थी। कार्यवाहक कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने अक्टूबर-नवंबर में दीक्षान्त समारोह कराने का फैसला किया। इस दौरान चुनाव आचार संहिता लग गई।
कुलपति के कामकाज पर रोक 6 अक्टूबर को कुलपति प्रो. आर. पी.सिंह की नियुक्ति हुई। उन्होंने जनवरी 2019 में दीक्षान्त समारोह कराने की घोषणा की। लेकिन 11 अक्टूबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने उनके कामकाज करने पर रोक लगा दी। यह रोक अब तक जारी है। ऐसे में दीक्षान्त समारोह फिर खटाई में पड़ गया है।
हुआ था विवि को नुकसान बीती अगस्त में प्रस्तावित दीक्षान्त समारोह के लिए प्रशासन ने 800 निमंत्रण पत्र छपवाए थे। लेकिन प्रो. श्रीमाली के निधन के चलते उनका इस्तेमाल नहीं हो सका। ऐसे में विश्वविद्यालय को नए सिरे से कार्ड छपवाने पड़ेंगे। इसके अलावा समारोह में विलंब हुआ तो साल 2018 की परीक्षाओं के मेडल और डिग्री भी तैयार करने होंगे। यूं होता है समारोहदीक्षान्त समारोह में भारतीय परम्परा की झलक नजर आती है। छात्र परम्परानुसार सफेद कुर्ता-पायजामा और छात्राएं लाल किनारे वाली सफेद साड़ी पहनती हैं। समारोह के लिए विश्वविद्यालय के एकेडेमिक पार्क में विशेष पांडाल बनाया जाता है।
अब तक हुए दीक्षान्त समारोह और अतिथि
1997-98-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
1998-99-नानाजी देशमुख
2001-02-जस्टिस लक्ष्मणनन
2004-पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील (तब राज्यपाल) एवं मुरली मनोहर जोशी
2009-पूर्व विदेश मंत्री कर्ण सिंह एवं राज्पयाल एस. के. सिंह
2015-राज्यपाल कल्याण सिंह
2016-राज्यपाल कल्याण सिंह
2017-राज्यपाल कल्याण सिंह और कैलाश सत्यार्थी (नोबल पुरस्कार विजेता)
1997-98-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
1998-99-नानाजी देशमुख
2001-02-जस्टिस लक्ष्मणनन
2004-पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील (तब राज्यपाल) एवं मुरली मनोहर जोशी
2009-पूर्व विदेश मंत्री कर्ण सिंह एवं राज्पयाल एस. के. सिंह
2015-राज्यपाल कल्याण सिंह
2016-राज्यपाल कल्याण सिंह
2017-राज्यपाल कल्याण सिंह और कैलाश सत्यार्थी (नोबल पुरस्कार विजेता)