अप्रेल से जुलाई तक परीक्षाएं
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में सत्र 2020-21 की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं कराई जानी हैं। यह अप्रेल से जुलाई के बीच होंगी। इसके चलते संस्थानों में गर्मियों की छुट्टियां होनी मुश्किल हैं। सरकार, उच्च शिक्षा विभाग और राजभवन इसको लेकर चर्चा में जुटे हैं।
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में सत्र 2020-21 की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं कराई जानी हैं। यह अप्रेल से जुलाई के बीच होंगी। इसके चलते संस्थानों में गर्मियों की छुट्टियां होनी मुश्किल हैं। सरकार, उच्च शिक्षा विभाग और राजभवन इसको लेकर चर्चा में जुटे हैं।
तो मिलेंगे उपार्जित अवकाश
इस साल गर्मी की छुट्टियां नहीं होने की स्थिति में शिक्षकों को उपार्जित अवकाश देने होंगे। इसका निर्धारण उच्च शिक्षा विभाग और सरकार करेगी। मालूम हो कि पिछले साल सरकार ने जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. पी. सी. त्रिवेदी, उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव, डॉ. मोहम्मद नईम और अन्य की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने लॉकडाउन के चलते 30 मई तक सी संस्थानों में अवकाश की सिफारिश की थी। 1 जून से कॉलेज-विश्वविद्यालयों में प्रवेश, ऑनलाइन शिक्षण और अन्य कार्य शुरू हुए थे।
इस साल गर्मी की छुट्टियां नहीं होने की स्थिति में शिक्षकों को उपार्जित अवकाश देने होंगे। इसका निर्धारण उच्च शिक्षा विभाग और सरकार करेगी। मालूम हो कि पिछले साल सरकार ने जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. पी. सी. त्रिवेदी, उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव, डॉ. मोहम्मद नईम और अन्य की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने लॉकडाउन के चलते 30 मई तक सी संस्थानों में अवकाश की सिफारिश की थी। 1 जून से कॉलेज-विश्वविद्यालयों में प्रवेश, ऑनलाइन शिक्षण और अन्य कार्य शुरू हुए थे।
अप्रेल से जुलाई के दरम्यान वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं होनी हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर सरकार, राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग के जो भी निर्देश मिलेंगे उसकी पालना होगी।
ओम थानवी, कुलपति मदस विश्वविद्यालय सालाना परीक्षामें दो घंटे का हो पेपर , 60 प्रतिशत रखें प्रश्न
अजमेर. राज्य के विश्वविद्यालयों में सत्र 2020-21 की सालाना परीक्षाओं को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम निर्धारित किया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालयों को दो घंटे का पेपर आर 60 प्रतिशत प्रश्न रखने होंगे। इसको लेकर सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा गया है।
उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े राज्य के 15 सरकारी विश्वविद्यालयों में सत्र 2020-21 की वार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। इनमें बीए, बीएससी, बी.कॉम, बीए, बीएससी और बी.कॉम ऑनर्स, एमए, एम.कॉम, एमएससी, लॉ प्रथम, द्वितीय, तृतीय तृतीय वर्ष, चार वर्षीय बीएससी और बीए बीएड, दो वर्षीय बीएड, बीएससी होम साइंस, बायोटेक, आईटी सहित अन्य परीक्षाएं शामिल हैं। इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव मोहम्मद नईम ने सभी विश्वविद्यालयों को परीक्षा संबंधित कार्यक्रम भेजा है।
यह करना होगा विश्वविद्यालयों को
-वार्षिक परीक्षा प्रणाली में पाठ्यक्रमों को रखना होगा यथावत
-पाठ्यक्रम में यूनिट की बाध्यता हटाकर देना होगा आंतरिक विकल्प
-तीन घंटे के बजाय 2 घंटेे का पेपर-पेपर में आनुपातिक रूप से 60 प्रतिशत प्रश्न हल करने का विकल्प
-परीक्षा केंद्रों पर थर्मल स्कैनिंग से तापमान जांच
-सेनेटाइजर की व्यवस्था जरूरी
-वार्षिक परीक्षा प्रणाली में पाठ्यक्रमों को रखना होगा यथावत
-पाठ्यक्रम में यूनिट की बाध्यता हटाकर देना होगा आंतरिक विकल्प
-तीन घंटे के बजाय 2 घंटेे का पेपर-पेपर में आनुपातिक रूप से 60 प्रतिशत प्रश्न हल करने का विकल्प
-परीक्षा केंद्रों पर थर्मल स्कैनिंग से तापमान जांच
-सेनेटाइजर की व्यवस्था जरूरी