बीते साल 25 मार्च से 20 मई तक लॉकडाउन रहा था। इसके चलते बांधों-तालाबों की मरम्मत में परेशानियां हुई थीं। हालांकि पिछले साल मानसून के ज्यादा मेहरबान नहीं होने से जिले के अधिकांश जलाशयों में पानी की विशेष आवक नहीं हो पाई थी। इस बार भी कोरोना संक्रमण के चलते स्थितियां सामान्य नहीं हैं।
आनासागर-13.0, फायसागर-17, रामसर-5.1, शिवसागर न्यारा-6, पुष्कर-11, राजियावास-0.10, मकरेड़ा-10.7, गोविंदगढ़-0.80, अजगरा-3.6, ताज सरोवर अरनिया-9.8, मदन सरोवर धानवा-9.0, बिसून्दनी-3.26, नारायणसागर खारी-0.9, डेह सागर बड़ली-7.2, न्यू बरोल-5.6, मान सागर जोताया-3.0, लसाडिय़ा-1.78, पारा प्रथम-3.3
ऊंटड़ा, मूंडोती, नाहर सागर पिपलाज, फूलसागर कायड़, बीर, कोडिया सागर, जवाहर सागर सिरोंज, राज सागर, जड़ जोड़ला सरवाड़, गोविंद सागर, रणसमंद नयागांव, अम्बापुर,नंदवंतिया सागर और अन्य
साल 2019 में 1 जून से 30 सितंबर तक अजमेर सहित जिले में ताबड़तोड़ बरसात हुई थी। आनासागर झील का जलस्तर बढ़कर 15 फीट 2 इंच तक जा पहुंचा था। जिले की औसत बारिश 550 से कहीं ज्यादा 900 मिलीमीटर बारिश हुई थी। जिले के 80 फीसदी तालाब-बांध लबालब हो गए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे तालाबों-एनिकट में गुल्ले लग गए थे।