कुलपति-शिक्षाविदों से चर्चा जारी
कमेटी की राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों से चर्चा जारी है। प्रमुख बिंदु स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं के आयोजन और प्रमोशन से जुड़ा है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार ज्यादातर विवि केकुलपतियों ने हालात सामान्य होने पर तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर उत्तराद्र्ध की परीक्षाएं कराने की सिफारिश की है। जबकि प्रथम-द्वितीय वर्ष में प्रमोशन को लेकर फिलहाल राय जुदा-जुदा हैं। कई शिक्षाविद् लगातार दो साल प्रमोशन के पक्षधर नहीं हैं।
कमेटी की राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों से चर्चा जारी है। प्रमुख बिंदु स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं के आयोजन और प्रमोशन से जुड़ा है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार ज्यादातर विवि केकुलपतियों ने हालात सामान्य होने पर तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर उत्तराद्र्ध की परीक्षाएं कराने की सिफारिश की है। जबकि प्रथम-द्वितीय वर्ष में प्रमोशन को लेकर फिलहाल राय जुदा-जुदा हैं। कई शिक्षाविद् लगातार दो साल प्रमोशन के पक्षधर नहीं हैं।
2 घंटे का पेपर, 60 प्रतिशत प्रश्न
उच्च शिक्षा विभाग ने फरवरी में राज्य के विश्वविद्यालयों में सत्र 2020-21 की सालाना परीक्षाओं को लेकर पत्र भेजा था इसमें कोरोना संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालयों को दो घंटे का पेपर और 60 प्रतिशत प्रश्न रखने को कहा गया। अधिकांश विश्वविद्यालय अधिकृत रूप इस पर सहमति जता चुके हैं।
उच्च शिक्षा विभाग ने फरवरी में राज्य के विश्वविद्यालयों में सत्र 2020-21 की सालाना परीक्षाओं को लेकर पत्र भेजा था इसमें कोरोना संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालयों को दो घंटे का पेपर और 60 प्रतिशत प्रश्न रखने को कहा गया। अधिकांश विश्वविद्यालय अधिकृत रूप इस पर सहमति जता चुके हैं।