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Big threat: अगर कराया हमसे जबरदस्ती ये काम, तो कर लेंगे हम सब सुसाइड

locationअजमेरPublished: Jan 15, 2019 05:02:54 pm

Submitted by:

raktim tiwari

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suicide

suicide threat to railway

अजमेर.

मालगाडिय़ों के लिए अलग से बिछाई जाने वाली नई रेल लाइन की जद में आने वाले मकानों की अवाप्ति को लेकर न्यायालय के फैसले से पहले ही डीएफसीसी और जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को घर खाली करने के नोटिस जारी कर दिए हैं। नोटिस के अनुसार प्रभावित परिवारों को 15 दिन में अपने मकान खाली करने होंगे। इधर प्रभावित परिवारों ने चेतावनी दी है कि अगर न्यायालय के फैसले से पहले उनके मकान जबरन खाली कराए गए तो वे अपनी जान दे देंगे।
मदार से सुभाषनगर के बीच डीएफसीसी के लिए लगभग 500 मकान और भूखंड के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। मुआवजा राशि और पुनर्वास सहित नए भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर विवाद हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। पिछले 10 वर्षों से मामला नहीं सुलझने की वजह से मुम्बई से दिल्ली तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना अजमेर आकर अटक गई है। घर बचाओ संघर्ष समिति के सचिव शक्तिसिंह चौहान ने बताया कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और पुनव्र्यस्थापन का मामला तय करने के लिए संभागीय आयुक्त न्यायालय को अधिकृत किया था। चौहान ने बताया कि संभागीय आयुक्त न्यायालय ने इस मामले में फिलहाल कोई फैसला नहीं दिया है उसके बावजूद जिला प्रशासन और डीएफसीसी ने प्रभावित परिवारों को नोटिस थमाकर घर खाली करने के आदेश दिए हैं।
बाजार दर से मिले मुआवजा
प्रभावित परिवारों का कहना है कि शहरी कॉलोनियों में स्थित उनके मकानों का मुआवजा डीएलसी दर से तय किया गया है जबकि बाजार मूल्य उससे कई गुना अधिक है। उन्होंने बताया कि हाल ही में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने डीएफसीसी से संबंधित ऐसे ही मामले में आदेश दिया कि इस परियोजना के लिए मुआवजा वाणिज्यिक दर से दिया जाए क्योकि डीएफसीसी इस लाइन का उपयोग वाणिज्यिक रूप से करेगी। चौहान ने बताया कि प्रभावित परिवार अपने मकानों का मुआवजा वर्तमान प्रचलित बाजार दर से देने की मांग कर रहे हैं।
…तो दे देंगे जान
चौहान ने बताया कि बुधवार को रामगंज थाना अधिकारी अरविंद विश्नोई ने सुभाष नगर के प्रभावित परिवारों को जानकारी दी कि उनके मकान 16 जनवरी को तोड़ दिए जाएंगे इसके बाद से ही प्रभावित परिवारों में रोष व्याप्त है। प्रभावित परिवारों ने सोमवार सांय बैठक आयोजित कर संकल्प लिया कि अगर उनके खिलाफ जबरन कार्रवाई की गई तो सभी परिवार सामूहिक रूप से जान दे देंगे।
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