scriptआठ रुपए किलो रद्दी में यूं बिका भाजपा सरकार का विकास, बदले में मिले ११० रुपए | BJP govt development sold in scrap found 110 rupees | Patrika News

आठ रुपए किलो रद्दी में यूं बिका भाजपा सरकार का विकास, बदले में मिले ११० रुपए

locationअजमेरPublished: Sep 23, 2017 09:10:56 am

Submitted by:

raktim tiwari

सरकारी की किताबें व दूसरी रद्दी के साथ कुल १३ किलो वजन तोला गया तथा रददी के बदले ११० रुपए में दिए गए है। इस वाकये का खुलासा जांच के बाद ही हो सकेगा।

bjp govt development material sold
सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की महिला प्रबंधक की ओर से प्रदेश की भाजपा सरकार के पिछले तीन साल के विकास के दावो को लेकर जनता में नि:शुल्क बंटवाने के लिए भेजी गई पुस्तकें रद्दी के रूप में आठ रुपए किलो के भाव से बेचने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है।
इसका खुलासा होने के बाद प्रबंधक ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि रद्दी के साथ ठेले वाला सरकारी पुस्तकें भी उठा कर ले गया। जबकि रद्दी खरीदने वाले का कहना था कि सरकारी की किताबें व दूसरी रद्दी के साथ कुल १३ किलो वजन तोला गया तथा रददी के बदले ११० रुपए में दिए गए है। इस वाकये का खुलासा जांच के बाद ही हो सकेगा लेकिन सरकार के विकास के दावों की घोषणा युक्त पुस्तक के पन्नों पर रखकर व्यंजनों के चटखारे लेने वालों का स्वाद जरूर बदल गया।
बांटी जानी थी नि:शुल्क
प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से पिछले तीन साल के कार्यकाल को बेमिसाल करार देते हुए ‘३ साल-अच्छे काम-ठोस परिणामÓ नाम की पुस्तकें छपवाकर पार्टी संगठन व सरकारी विभागों के माध्यम में जनता में बंटवाने के लिए भेेजी गई थी। मुख्यमंत्री की फोटो के साथ मुख पृष्ठ पर भगवा रंग के कवर से बनी एक ३८ पृष्ठीय प्रचार सामग्री युक्त पुस्तकें पुष्कर के सदर बाजार स्थित सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैक में भी भेजी गई थी। इन पुस्तकों को आम जनता व बैक में आने वाले ग्राहको को नि:शुल्क वितरण किया जाना था।
कई दिनों तक कोने में पड़े रखी
पिछले कई दिनों तक कार्यालय के एक कोने में बेकार कागजों की तरह रखने के बाद शुक्रवार को बैंक की महिला प्रबंधक मीता ने बाजार में ठेला लेकर घूमने वाले एक रद्दी के्रता को बैंक में बुलाया तथा रद्दी के साथ प्रदेश की भाजपा सरकारी के तीन सालों के विकास कार्यों के लेखा जोखा से सजी सचित्र पुस्तकें आठ रुपए किलो के भाव से तुलवाकर रद्दी के रूप में बेच डाली। इसके लिए के्रता ने बैंक में सभी के सामने सरकारी पुस्तकों को तोलकर वजन किया तथा कुल १३ किलो वजन के ११० रुपए बैक प्रबंधक को दे दिए। पन्नों पर परोसे पोहे
कस्बे के वराह घाट चौक में पोहे का ठेला लगाने वाले सोनू सिंधी ने र्ददी के रूप में पुस्तकें खरीदी तथा सरकार के विकास के पन्नों पर गरमागरम पोहे परोसने लग गया।

उजागर हुआ तो छुपाई
अचानक किसी पढ़े लिखे युवक ने यह माजरा समझा तथा ठेले वाले को बताया तो उसके होश उड़ गए वहीं रद्दी बेचने वाला युवक भी घबरा गया। उसने देवनगर रोड स्थित उसके गोदाम पर जाकर पुस्तकें छुपा डाली। पड़ताल करके काफी संख्या में सरकारी पुस्तकें रद्दी के भाव खरीदना उजागर हो पाया।
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