उप प्रधान पद पर शुक्रवार को भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े गोपाललाल गुर्जर ने जीत हासिल की। निर्दलीय प्रत्याशी गोपाल को 11, जबकि भाजपा की शायरदेवी जाट को 8 मत मिले। भाजपा के 6 मतों की क्रॉस वोटिंग से उप प्रधान की सीट भी निर्दलीय प्रत्याशी की झोली में चली गई।
इससे पूर्व प्रधान पद पर भी पार्टी से प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने से बागी हुए रामचन्द्र थाकण ने ताल ठोकी थी। ऐसे में जहां प्रधान पद थाकण के खाते में गया, वहीं उप प्रधान पद पर गोपाललाल गुर्जर ने बाजी मार ली।
रिटर्निंग अधिकारी राजेंद्रसिंह सिसोदिया ने चुनाव संबंधित प्रक्रिया शुरू की। सुबह 11 बजे उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र पेश कर दिए। भाजपा से शायरदेवी, भाजपा से ही बागी हुए गोपाललाल गुर्जर, कांग्रेस से जसराज गुर्जर एवं निर्दलीय उम्मीदवार शीतल कंवर ने अपने पर्चे दाखिल किए।
दोपहर एक बजे निर्दलीय उम्मीदवार शीतल कंवर और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी जसराज गुर्जर ने अपना नाम वापस ले लिए। इस पर उप प्रधान सीट के लिए गोपाललाल और भाजपा से शायरदेवी के बीच सीधा मुकाबला तय हो गया। चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद अपराह्न 3 बजे मतदान शुरू हुआ।
रवि सिनोदिया कांग्रेस के अपने दो साथी सदस्यों के साथ अपराह्न 3.30 बजे मतदान के लिए पहुंचे और मतदान कर लौट गए। भाजपा के सभी निर्वाचित सदस्य अलग-अलग ही मतदान करने आए और मतदान कर लौट गए। मतगणना कर रिटर्निग अधिकारी सिसोदिया ने परिणामों की घोषणा कर निर्दलीय प्रत्याशी गोपाललाल गुर्जर को विजयी घोषित किया। उन्होंने गोपाल को प्रमाण पत्र सौंपा।
बहुमत के बाद भी भाजपा ने खोया प्रधान और उप प्रधान का पद किशनगढ़ पंचायत समिति के 19 वार्डों में हुए मतदान के बाद भाजपा ने 15 सीटों के साथ पूर्णत: बहुमत हासिल कर लिया। समय रहते भाजपा निर्वाचित हुए अपने पंचायत समिति के 15 सदस्यों के साथ सहमति बनाने में सफल होती तो पंचायत समिति की प्रधान और उप प्रधान सीट पर पार्टी के उम्मीदवार आसानी से काबिज होते, लेकिन अंतिम समय तक सदस्यों में एक राय नहीं बन पाई।
परिणाम यह रहा कि भाजपा के सिम्बल पर वार्ड संख्या 2 से चुनाव जीते रामचंद्र थाकण ऐनवक्त पर बागी हो गए और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्रधान पद के लिए नामांकन फार्म भर दिया। रामचंद्र 9 मत हासिल कर प्रधान बनने में सफल हो गए।
दूसरे दिन शुक्रवार को अधिकृत प्रत्याशी के रूप में शायरदेवी को चुनाव मैदान में उतारा गया, जबकि वार्ड 5 से भाजपा के सिम्बल पर जीते गोपाललाल गुर्जर ने भी बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा और 11 मत प्राप्त कर विजयी रहे। भाजपा प्रत्याशी शायरदेवी को मात्र 8 वोट ही मिले। कांग्रेस पंचायत समिति सदस्यों की कम सीटें आने से शुरुआती दौर में ही पिछड़ी नजर आई।
चल निकला बल्ला भाजपा से बागी हुए रामचंद्र को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में निर्वाचन विभाग की ओर से चुनाव चिन्ह के रूप में बल्ला आवंटित हुआ। वे इसी चुनाव चिन्ह से जीत हासिल कर प्रधान बने। वहीं भाजपा से ही बागी बने गोपाल गुर्जर ने भी उप प्रधान पद के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा। निर्वाचन विभाग की ओर से उन्हें चुनाव चिन्ह के रूप में बल्ला ही आवंटित किया गया। हालांकि यह इत्तेफाक मात्र है कि दोनों के चुनाव चिन्ह बल्ला ही रहा और दोनों ने चुनाव में जीत हासिल की।
थाकण के पिता प्रधान और गुर्जर के पिता उप प्रधान रहे वर्ष 2011 से 2015 तक रामचंद्र थाकण के पिता नंदाराम भी कांग्रेस से किशनगढ़ पंचायत समिति के प्रधान रहे और अब रामचंद्र खुद प्रधान चुने गए हैं। इसी तरह गोपाललाल गुर्जर के पिता छोटूराम गुर्जर वर्ष 1988 में किशनगढ़ पंचायत समिति में उप प्रधान रहे और अब इस बार गोपाललाल इसी समिति में उप प्रधान चुने गए।
साथ-साथ रहे थाकण और गुर्जर उप प्रधान चुनाव के दौरान पंचायत समिति परिसर में प्रधान रामचंद्र और उप प्रधान बने गोपाललाल ज्यादातर समय साथ-साथ ही नजर आए। मतगणना परिणाम की घोषणा और विजेता घोषित होने के बाद दोनों साथ-साथ ही बाहर आए और समर्थकों ने दोनों को ही माला पहनाई। इसके बाद अपने समर्थकों के साथ जीप में सवार होकर दोनों साथ ही रवाना हुए।