भाजपा पार्षद ने ही जड़े हैं आरोप नगर निगम की गत 11 फरवरी को हुई साधारण सभा में भाजपा के ही पार्षद चंद्रेश सांखला ने महापौर पर 99 प्रतिशत पार्षदों को ‘मंथलीÓ देने के खुले आरोप जड़े। इसे लेकर सियासी हंगामा खड़ा हुआ। आनन फानन में भाजपा के प्रदेश संगठन ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी को अजमेर भेजा। जांच कमेटी में शामिल भाजपा के प्रदेश महामंत्री बीरम सिंह एवं मनोज भारद्वाज ने 14 फरवरी को महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, उप महापौर संपत सांखला, पार्षद चन्द्रेश सांखला आदि के बयान लिए। इसके बाद से पार्टी मामले को दबाए बैठी है।
इन मामलों को लेकर की थी सुनवाई -महापौर की ओर से पार्षदों को हर माह 18 हजार रुपए का लिफाफा देने का मामला।
-शहर में अवैध रूप से 13 नक्शो को पास करने का मामला।
-सुभाष उद्यान पर खर्च को 6 से करीब 13 करोड़ रुपए तक बढ़ाने का मामला।
-पुरानी मंडी में व्यावसायिक कॉम्पलेक्स निर्माण। -पार्षद वालिया की ओर से जमीनों की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार संबंधी आरोप। इनका कहना है
मामले में मेरे बयान हुए थे लेकिन जांच रिपोर्ट के बारे में पार्टी ही बता पाएगी।
-चंद्रेश सांखला, पार्षद भाजपा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने हमें जांच के लिए अजमेर भेजा। हमनें जांच रिपोर्ट उन्हें सौंप दी। वे ही इस मामले में ज्यादा बता पाएंगे।
-बीरमसिंह, प्रदेश महामंत्री भाजपा फिलहाल में राज्यसभा चुनावों में व्यस्त हूं। अजमेर महापौर पर लगे आरोपों के मामले को 19 जून के बाद ही देख पाऊंगा। -सतीश पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष भाजपा