खौफनाक : ट्रक चालक और खलासी रातभर आग की लपटों में जलते रहे, सुबह मिली केवल राख और अस्थियां
गांव सिरसला के पास हुआ था सडक़ हादसा : शुक्रवार रात दो ट्रकों की भिड़न्त के बाद लगी थी आग, हादसे के बाद एक ट्रक की डीजल टंकी तो दूसरे ट्रक में रसोई गैस सिलेण्डर फटने से आग ने मचाया तांडव, दोनों ट्रकों के चालक व खलासी (कुल चार) जिंदा जल गए,शनिवार को ट्रक नंबर व मोबाइल लोकेशन से चारों मृतकों की हुई पहचान

अजमेर/चूरू. कभी-कभी दिल दहलाने वाले हादसे सिहरन पैदा कर जाते हैं। सडक़ दुर्घटनाएं होती रहती है। उसमें घायल व मृतक की बॉडी मिल तो जाती है,लेकिन चूरू जिले के सिरसिला गांव समीप हुआ सडक़ हादसा काफी खौपनाक था। शुक्रवार रात दो ट्रकों की भिड़न्त के बाद आग की लपटें उठी और देखते ही देखते दोनों ट्रक आग के गोलों में तब्दील हो गए। डीजल टैंक व रसोई गैस सिलेण्डर फटनके बाद तो दावानल और भी अधिक फैल गया।
शनिवार को चारों के केवल अवशेष (हड्डियां) मिली
शनिवार सुबह दोनों ट्रकों के चालक व खलासी की केवल अर्थियां ही मिली। रातभर आग में जलने से दोनों ट्रक कबाड़ में बदल गए। हालाकि पुलिस ने दमकल की मदद से करीब चार घंटे बाद आग पर काबू पा लिया था,लेकिन रातभर चिंगारी जलती रही। एक ट्रक का तो मात्र चेसीस ही बचा है, जबकि दूसरे का केबिन का पूरा हिस्सा जल गया। शनिवार को चारों के केवल अवशेष (हड्डियां) मिली है। ट्रकों के नम्बरों के आधार पर दूधवाखारा पुलिस ने संबंधित थाने व उनके मालिकों को फोन कर मृतकों की पहचान कराई। ट्रक में सवार मृतकों की मोबाइल लोकेशन गांव सिरसला के पास गई है।
एक ट्रक में पॉम आयल तो दूसरे में भरे थे तार
दूधवाखारा पुलिस के मुताबिक एक ट्रक में पॉम ऑयल व दूसरे में तार भरे हुए थे। गांव सिरसला के पास दोनों में टक्कर के बाद आग लग गई। ऐसे में उसमें सवार दोनों ट्रकों के चालक व खलासी जिंदा जल गए। आग बुझाने के लिए चूरू, तारानगर व राजगढ़ से सात दमकलें बुलाई गई, लेकिन दमकल भी आग बुझाने में पूरी तरह से नाकाम रही। ट्रक नंबर के आधार पर पहले ट्रक में लुधियाना निवासी सुखदेव सिंह व खलासी हरप्रीत व दूसरे ट्रक में सवार गुहाना निवासी नफे सिंह सहित खलासी गुरदीप की मौत होना बताया जा रहा है।
आंखों के सामने जिंदा जल गया भाई...
पुलिस के मुताबिक आग में जिंदा जले चालक सुखदेव सिंह का भाई भी ट्रक चलता है जो कि घटना के दौरान पीछे-पीछे ट्रक लेकर आ रहा था। टक्कर के बाद सुखदेव सिंह मदद के लिए चिल्लाया तो भाई दौडक़र पहुंचा। ट्रक के केबिन में खाना बनाने के लिए छोटा सिलेंडर रखा था, जो कि टक्कर के बाद फट गया। आग भीषण होने के कारण चाहकर भी आग की लपटों में घिर चुके भाई सुखदेव सिंह की जान नहीं बचा पाया। लोगों ने बताया कि टक्कर के बाद एक ट्रक से पॉम ऑयल बहता हुआ जीएसएस की तरफ जाने लगा। ऐसे में ग्रामीणों ने रेत डालकर रोका नहीं तो जीएसएस में आग लगने से बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।
रामविलास विश्नोई, थानाधिकारी दूधवाखारा के अनुसार हादसे के बाद मौके पर कुछ हड्डियों के टुकड़े मिले हैं, जिन्हें डीएनए टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। ट्रक नम्बरों के आधार पर मालिकों व परिजन के बताए अनुसार चारों मृतकों की फिलहाल पहचान की गई है।
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