सहायक पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) मोनिका सेन ने बताया कि 28 नवम्बर को सुभाष नगर सुन्दर नगर निवासी दुर्गादेवी पत्नी बुद्धराज उदेनिया की हत्या के मामले में मृतका के देवर (पति का चचेरा भाई) राजू उदेनिया पुत्र मदनलाल को हिरासत में लेकर पड़ताल की तो वह टूट गया। आरोपित ने भाभी की हत्या करना स्वीकार कर लिया। आरोपित राजू परिवार के सदस्यों के काम पर निकलते ही भाभी के कमरे में दाखिल हो गया। उसने भाभी के सामने अपने दिल की बात करते हुए जबरदस्ती शुरू कर दी।
राजू की इस हरकत पर मृतका ने उसे थप्पड़ जड़ दिया लेकिन आरोपित ने उसका गला कसकर दबा लिया। आरोपित ने दुर्गादेवी का नायलॉन के कपड़े से गला घोंटने के बाद अनैतिक कृत्य का प्रयास किया। पुलिस ने आरोपित राजू को विवाहिता की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया।
देर रात किए थे कॉल पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर मृतका का मोबाइल, कपड़े सहित अन्य वस्तुएं बरामद की। मोबाइल कॉल डिटेल खंगालने में सामने आया कि आरोपित राजू ने वारदात से एक रात पहले मृतका को देर रात तीन कॉल किए। मृतका ने उसे इसके लिए फटकार भी लगाई थी लेकिन अगली सुबह परिवार के बाकी सदस्य काम पर निकलते ही राजू सुबह 9 बजे भाभी के कमरे में दाखिल हो गया। सुबह 10.30 बजे वारदात अंजाम देने के बाद वह दिहाड़ी मजदूरी पर चला गया।
भाभी का भाया चंचल स्वभाव
पुलिस पूछताछ में राजू ने बताया कि वह भाभी के चंचल स्वभाव से प्रभावित था। लम्बे समय से भाभी की गतिविधि पर भी उसकी नजर थी। उसने वारदात से पहले अपने मन की बात कह दी लेकिन उसने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। फिर उसके साथ जबरदस्ती प्रयास किया।
पुलिस पूछताछ में राजू ने बताया कि वह भाभी के चंचल स्वभाव से प्रभावित था। लम्बे समय से भाभी की गतिविधि पर भी उसकी नजर थी। उसने वारदात से पहले अपने मन की बात कह दी लेकिन उसने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। फिर उसके साथ जबरदस्ती प्रयास किया।
आरोपित की आंख, गले पर खरोंच
एएसपी मोनिका सेन ने बताया कि प्रकरण में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक राजेन्द्रसिंह के आदेश पर गठित टीम ने पड़ताल शुरू की। टीम में थानाप्रभारी अजयकांत शर्मा, उप निरीक्षक यूनुस खां, एएसआई मुकेश कुमार, बलदेवराम, हैडकांस्टेबल पवन कुमार, सिपाही बाबूलाल, योगेश और साइक्लोन टीम के हैडकांस्टेबल जगमाल दाहिमा, सुनीलकुमार, रणवीरसिंह, देवेन्द्रसिंह व आशीष ने पड़ताल शुरू की। पुलिस ने राजू से पूछताछ की तो उसकी आंख, गले पर नाखून से खरोंच नजर आई। मृतका की ओर से बचाव में किए गए संघर्ष में उसके चोट आई। वारदात के बाद पुलिस उसकी गतिविधि पर भी नजर रखे हुए थी। सख्ती से पूछने पर आरोपित टूट गया।
एएसपी मोनिका सेन ने बताया कि प्रकरण में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक राजेन्द्रसिंह के आदेश पर गठित टीम ने पड़ताल शुरू की। टीम में थानाप्रभारी अजयकांत शर्मा, उप निरीक्षक यूनुस खां, एएसआई मुकेश कुमार, बलदेवराम, हैडकांस्टेबल पवन कुमार, सिपाही बाबूलाल, योगेश और साइक्लोन टीम के हैडकांस्टेबल जगमाल दाहिमा, सुनीलकुमार, रणवीरसिंह, देवेन्द्रसिंह व आशीष ने पड़ताल शुरू की। पुलिस ने राजू से पूछताछ की तो उसकी आंख, गले पर नाखून से खरोंच नजर आई। मृतका की ओर से बचाव में किए गए संघर्ष में उसके चोट आई। वारदात के बाद पुलिस उसकी गतिविधि पर भी नजर रखे हुए थी। सख्ती से पूछने पर आरोपित टूट गया।
परिवार के सदस्य गए थे बाहर पुलिस पड़ताल में सामने आया कि राजू के अलावा मकान में बुद्धराज, उसकी पत्नी, तीन बच्चे, छोटा भाई नरेन्द्र और बहन रेखा व उसके बच्चे रहते थे। बच्चे स्कूल चले गए। वहीं बुद्धराज एक दिन पहले श्रीनगर शादी में चला गया। इधर छोटा भाई नरेन्द्र डेयरी में तो बहन रेखा दिहाड़ी मजदूरी पर चली गई।
राजू ने मृतका को अकेला देख कमरे में दाखिल हो गया।
चौबीस घंटे में किया खुलासा रामगंज थाना पुलिस ने दूसरी बार आईपीएस मोनिका सेन के नेतृत्व में हत्या के मामले की पड़ताल करते हुए चौबीस घंटे में आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले ट्रांसपोर्ट व्यवसायी की गला घोंटकर हत्या के बाद कार में मिली अद्र्धजले शव को पुलिस ने चौबीस घंटे के भीतर राजफाश करते हुए आरोपित मुनीम को गिरफ्तार किया था।
चौबीस घंटे में किया खुलासा रामगंज थाना पुलिस ने दूसरी बार आईपीएस मोनिका सेन के नेतृत्व में हत्या के मामले की पड़ताल करते हुए चौबीस घंटे में आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले ट्रांसपोर्ट व्यवसायी की गला घोंटकर हत्या के बाद कार में मिली अद्र्धजले शव को पुलिस ने चौबीस घंटे के भीतर राजफाश करते हुए आरोपित मुनीम को गिरफ्तार किया था।