बोले ब्राह्मण....जो सरकार करेगी हमारी उपेक्षा, डोल जाएगा उसका सिंहासन
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अजमेर
सर्व ब्राह्मण महासभा की बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों में अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से ब्राह्मण समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग उठी। समाज के नुमाइंदों ने दोनों राजनीतिक दलों को प्रतिनिधित्व देने से पूर्व समाज की जनसंख्या को आधार मानना चाहिए। इस सीट को सिन्धी, वैश्य के लिए अलिखित आरक्षित रूप दिया जा रहा है जो गलत है। इस क्षेत्र में ब्राह्मण समाज की जनसंख्या अधिक है।
इंडोर स्टेडियम में आयोजित बैठक में पुष्कर रोड रीजनल चौराहे पर स्थित परशुराम सर्किल की सभी औपचारिकता पूर्ण होने एवं भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित करने को लेकर चर्चा की गई। अथक प्रयास करने पर पार्षद जे.के. शर्मा का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। करीब इक्कीस लाख रुपए की लागत से अष्टधातु की भगवान परशुराम की मूर्ति एवं स्थापना पर खर्च होने का प्रस्ताव लिया गया।
पदाधिकारियों व सदस्यों ने अजमेर उत्तर विधानसभा सीट पर ब्राह्मण समाज को टिकट की मांग उठाई। लोकसभा उपचुनाव में भी ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधित्व को समाज ने जिताया है। वहीं नगर निगम के उपमहापौर संपत सांखला की सीट भी सामान्य वर्ग की थी अब किसी ब्राह्मण समाज के पार्षद को उप महापौर बनाना चाहिए। बैठक में महासभा के अध्यक्ष बलराम शर्मा, विवेक पाराशर, योगेन्द्र ओझा, उमेश शर्मा, कांति शर्मा, मंजू शर्मा, जयश्री शर्मा, रवि सर्मा, पं. घनश्याम शर्मा आदि उपस्थित रहे।
स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं आसान
विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की तत्काल नियुक्ति आसान नहीं है। अव्वल तो नियमानुसार सर्च कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें यूजीसी, राजभवन, बॉम और सरकार के प्रतिनिधि की नियुक्ति होगी। इसके बाद कुलपति पद के आवेदन लिए जाएंगे। सर्च कमेटी आवेदनों की छंटाई कर तीन या पांच नाम का पैनल सरकार और राजभवन को सौंपेगी। इनमें से किसी एक शिक्षाविद् को राज्यपाल सरकार की सलाह पर कुलपति नियुक्त करेंगे। इस साल विधानसभा चुनाव होने के कारण यह प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है।
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