ऊंटड़ा गांव निवासी शरीफ मोहम्मद की बेटी शहरबानो गिले कपड़े सूखा रही थी। तभी वह करंट की चपेट में आ गई। बड़े भाई हाफिज एजाज उसे बचाने दौड़ा। उसने उसको तो दूर हटा दिया। लेकिन खुद करंट की चपेट में आ गया। शोर मचते ही परिवार के बाकि सदस्य भी पहुंचे।
करंट से जख्मी एजाज, शहरबानों को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां एजाज को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि शहरबानों को कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती कर दिया।शव ले गए तो मचा हड़कम्प
एजाज की मृत्यु के बाद परिजन पोस्टमार्टम करवाना नहीं चाहते थे लेकिन अस्पताल प्रशासन ने शव मोर्चरी पहुंचा दिया। यहां परिजन शव को जबरन गाड़ी में उठा ले गए साथ में अस्पताल का मृग रजिस्टर भी ले गए। घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल में हड़कम्प मच गया।
इधर कोतवाली थाना पुलिस के हरकत में आ गई। पुलिस ने अस्पताल का रजिस्टर व शव ले जाने की सूचना गेगल थाने को दी। गेगल थानाप्रभारी दिनेश चौधरी ऊंटड़ा गांव पहुंचे। परिजन ने गलती स्वीकार करते हुए शव पोस्टमार्टम नहीं करने की मांग की। पुलिस ने शव अस्पताल लाए बगैर सुपुर्द कर दिया।
फैसले ऑनलाइन होने से पारदर्शिता बढ़ी अधीनस्थ राजस्व अदालतों को नवम्बर 2017 से ऑनलाइन कर सिस्टम से जोडऩे से कुछ राहत जरूर मिली है। मुकदमे से संबंधित सभी जरूरी जानकारियां, नोटिस जारी करने की तारीख, आगामी पेशी, मोबाइल फोन पर एसएमएस से जानकारी, निर्णय अपलोड करने आदि की कार्रवाई ऑनलाइन हो रही है।
75 प्रतिशत अदालतें ऑनलाइन प्रदेश में अधीनस्थ अदालतों की संख्या 1377 है। इसमें नायब व तहसीलदारों की अदालतें शामिल नहीं हैं। इनमें से करीब 950 अदालतें ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ी जा चुकी हैं।