दिन में जल रही लाइटों का भार एडीए पर पड़ रहा है और लाखों रुपए के बिजली के बिल अनावश्यक रूप से भरने पड़े रहे हैं। जहां शहर के कुछ इलाकों में दिन में ही लाइटें जल रही रही हैं वहीं शहर का कुछ एरिया ऐसा भी हैं जहां रात्रि में अंधेरा पसरा रहता है। इसमें गौरवपथ (माहेश्वरी स्कूल से रीजनल कॉलेज) तक, रीजनल चौपाटी की लाइटें, पृथ्वीराज नगर, अशोक उद्यान, जनाना अस्पताल चौराहा, झलकारी बाई स्मारक, पंचशील में मॉल के पास, बीएसयूपी आवासों की लाइटें बंद पड़ी हैं इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट में बता दिया ओके प्राधिकरण के सहायक अभियंता दशरथ यादव, जेईएन अवतार सिंह तथा विजय कुमार ने गिनती पूरी कर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि एडीए की कुल 9580 लाइटों में से 732 बंद पड़ी है। यह कुल लाइटों का 7.64 प्रतिशत है। पंचशील डीमार्ट रोड की 19 में से 19 लाइटें केबल की समस्या के कारण बंद हैं जबकि मेयो लिंक रोड की 42 में से 42 लाइटें सप्लाई की समस्या के कारण बंद हैं। बीएसयूपी क्वार्टर की 45 में से 11 लाइटें बंद हैं।
स्मारकों पर अंधेरा एडीए अभियंताओं व ठेकेदारों की लापरवाही के कारण एडीए के स्मारक अंधेरे में है। स्मारकों की 337 में 132 लाइटें यानी की करीब 40 फीसदी लाइटें बंद हैं। लाइटें बंद होने के मामले में एडीए ने अब तक ठेका फर्म पर कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि उसका बिल भुगतान किए जाने की तैयारी है