यह है इस फूल की खासियत कलकत्ती मेरी गोल्ड फूल 25 दिन तक खिला रह सकता है। बाजार में भाव कम होने पर कृषक इसे नहीं तोड़कर डिमांड आने का इंतजार कर सकते हैं। डिमांड में सप्लाई करने से किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
स्थानीय श्रमिकों को रोजगार फूलों की खेती के चलते पुष्कर सहित आसपास के गांव गनाहेड़ा, बांसेली, देवनगर, मोतीसर सहित अन्य जगह कई बेरोजगारों, महिलाओं को फूलों की खेती से रोजगार मिल रहा है। इन गांवों में जिनके खेती कम या पानी नहीं है, उन लोगों को रोजगार मिलने से बाहर पलायन की जरूरत नहीं पड़ रही। चौहान के अनुसार वे मदर प्लांट यहां लेकर आए हैं। पूरे क्षेत्र में वे पौध तैयार कर किसानों को उपलब्ध करवा रहे हैं। फूलों की डंडी काटकर जमीन में रोपते हैं और 25 दिन में पौध जड़ पकड़ लेती है।
सौ हैक्टेयर में कलकत्ती मेरीगोल्ड. . . चौहान के अनुसार पुष्कर व आसपास के क्षेत्र में करीब 100 हैक्टेयर में मेरीगोल्ड की खेती हो रही है। प्रति बीघा करीब एक लाख रुपए सालाना आय इससे होती है। वहीं गुलाब की खेती करीब 150 हैक्टेयर में होती है। गुलाबी रंग का गुलाब सर्वाधिक होता है। लाल गुलाब की पैदावार भी होती है।
मगर कोरोना से प्रभावित कारोबार फूलों का कारोबार कोरोना के चलते प्रभावित है। ना मंदिरों में चढ़ रहा है, ना शादी-समारोह की डिमांड आ रही है। लोकल डिमांड से ही काम चल रहा है।
आंकड़ों पर एक नजर 150 हैक्टेयर में गुलाब की खेती (पुष्कर व आसपास)।
100 हैक्टेयर में कलकत्ती किस्म मेरीगोल्ड फूलों की खेती। एक लाख प्रति बीघा सालाना आय कलकत्ती फूलों से।
25 हजार श्रमिकों को रोजगार।
100 हैक्टेयर में कलकत्ती किस्म मेरीगोल्ड फूलों की खेती। एक लाख प्रति बीघा सालाना आय कलकत्ती फूलों से।
25 हजार श्रमिकों को रोजगार।