अजमेर-पुष्कर प्राकृतिक खूबसूरती और आसपास के इलाकों की पुरामहत्व इमारतों के लिए विख्यात है। यहां पर्यटकों को लुभाने के लिए तमाम आकर्षण मौजूद हैं। महज 25 से 30 किलोमीटर के दायरे को परस्पर जोड़ा जाए तो पर्यटक हब बन सकता है।
टूरिस्ट बस की दरकार अजमेर में किशनगढ़ एयरपोर्ट, रेल और रोडवेज बसों से आने वालेे पर्यटकों के लिए राजस्थान पर्यटन विकास निगम अथवा अन्य होटल से आवाजाही के लिए टूरिस्ट बस सुविधा नहीं है। पर्यटकों को महंगे दामों पर टैक्सी अथवा ऑटो किराए पर लेने पड़ते हैं। जबकि पर्यटन निगम चाहे तो जयपुर, उदयपुर की तरह प्रमुख पर्यटन केद्रों का रूट चार्ट बनाकर दो-तीन टूरिस्ट बस अथवा मिनी टूरिस्ट कैब शुरू कर सकता है। टूरिस्ट ऑपरेटर्स से एमओयू कर बसें चलाई जा सकती हैं।
अजमेर में यह खास केंद्र (10 से 15 किलोमीटर में) -11वीं शताब्दी की ख्वाजा साहब की दरगाह -10वीं शताब्दी में निर्मित तारागढ़ का किला -16वीं शताब्दी में निर्मित आनासागर बारादरी-उद्यान
-18वीं शताब्दी की फायसागर झील -18वीं शताब्दी की सोनीजी की नसियां -15वीं शताब्दी का राजकीय संग्रहालय (अकबरी किला) -14वीं शताब्दी की जिनदत्तसूरी दादाबाड़ी अजमेर के निकटवर्ती पर्यटन केंद्र (20 से 30 किमी में)
-ज्ञानोदय तीर्थ नारेली -तारागढ़ पहाड़ से सटी घाटी में चश्मा-ए-नूर -तारागढ़ के सटे पहाड़ में हैप्पी वैली और नूर महल -तारागढ़ पहाड़ पर निर्मित पृथ्वीराज चौहान स्मारक -अजयसर गांव स्थित प्राचीन अजगंधेश्वर महादेव मंदिर
-अरावली-नाग पहाड़ स्थित महाराणा प्रताप स्मारक -काजीपुरा गांव स्थित भैरव पहाड़ी और भैरव मंदिर -खोड़ा गणेश से नारेली तक वाइल्ड लाइफ -किशनगढ़ के निकट मार्बल स्लरी पार्क -पुष्कर-माकड़वाली-होकरा के रेतीले टीबे
यह बने हैं अजमेर के नए टूरिस्ट पॉइंट वैशाली नगर में आनासागर झील के निकट सेवन वंडर्स पॉइंट गौरव पथ-पुरानी चौपाटी और रीजनल कॉलेज चौपाटी पर म्यूजिकल फाउन्टेन किंग एडवर्ड मेमोरियल पर थ्री डी प्रोजेक्शन शो
-आनासागर झील के चारों तरफ 10.5 किलोमीटर का पाथ-वे -सागर विहार कॉलोनी-वैशाली नगर में बर्ड पार्क -तारागढ़ पर रेलवे के खंडहर भवन में होटल अथवा सर्किट हाउस -होकरा-माकड़वाली से सटे धोरों में कैंप टूरिज्म
-बांडी नदी पर अहमदाबाद की साबरमती नदी की तर्ज पर रिवर फ्रंट अजमेर में पर्यटन विकास को जबरदस्त बढ़ावा दिया जा सकता है। प्रमुख पर्यटन केंद्रों का सर्किट बनाकर टूरिस्ट बस अथवा मिनी कैब चलाई जा सकती हैं। इससे ना केवल सभी पर्यटन केंद्रों को पहचान मिलेगी बल्कि आय भी बढ़ेगी। अरावली पर ट्रेकिंग, नाइट कैंप टूरिज्म, तारागढ़ पर होटल-रेस्टोरेंट बनाकर माउन्टेन टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सकता है।
प्रो. निमित्त रंजन चौधरी, विभागाध्यक्ष टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट जामिया मिलिया