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Dargah security-खानाबदोश बन सकते हैं ‘खतरा

locationअजमेरPublished: Oct 17, 2019 01:38:28 am

Submitted by:

manish Singh

अब रोज रात एक बजे से चार बजे तक दरगाह खालीकराकर ली जाएगी तलाशी व पुन: प्रवेश की गतिविधि

Dargah security-खानाबदोश बन सकते हैं 'खतरा

Dargah security-खानाबदोश बन सकते हैं ‘खतरा

अजमेर. दरगाह परिसर और उसके आसपास घूमने वाले खानाबदोश दरगाह सुरक्षा के लिए खतरा हैं। खानाबदोशी की आड़ में घूमने वाले संदिग्धों से निपटने के लिए ही पुलिस की ओर से 24 घण्टे में एक बार दरगाह परिसर को खाली करने व तलाशी के बाद यहां आए जायरीन को जांच, पड़ताल के बाद प्रवेश देने की व्यवस्था कायम की गई है। मंगलवार रात दरगाह थानाप्रभारी हेमराज के नेतृत्व में पुलिस दल ने दरगाह परिसर को खाली करवाया। हालांकि इस दौरान पुलिस को ऐसा कुछ भी अप्रिय नजर नहीं आया जो सुरक्षा के लिहाज से संदिग्ध हो।
पुलिस व खुफिया जांच एजेंसियों का मानना है कि विश्वविख्यात ख्वाजा साहब की दरगाह की सुरक्षा में सबसे बड़ा खतरा यहां आसपास के क्षेत्र में खानाबदोशी जिन्दगी बसर करने वाले लोग हंै। इन खानाबदोश लोगों की आड़ में कई मर्तबा संदिग्ध, अपराधी तत्व व घुसपैठिए पनाह पा जाते हैं। दरगाह सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां पूर्व में भी कई मर्तबा चौबीस घंटे में एक बार परिसर खाली कराने और संदिग्धों व्यक्तियों से पूछताछ की कार्ययोजना बना चुकी हैं लेकिन किसी न किसी विरोध के चलते व्यवस्था लागू नहीं की जा सकी। लेकिन बीते कुछ साल से सुरक्षा एजेंसियों ने अजमेर में दरगाह की सुरक्षा को बड़ा सवाल बना रखा था। गतदिनों दरगाह कमेटी अध्यक्ष अमीन पठान ने भी गृह विभाग से दरगाह सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सीआईएसएफ की तैनाती की मांग की थी। इसके बाद से लगातार सुरक्षा एजेंसियों की नजर दरगाह सुरक्षा पर थी।ठहरने की नहीं है व्यवस्थापुलिस अधिकारियों की माने तो दरगाह परिसर में सैकड़ों ऐसे व्यक्ति हैं जो बिना पहचान के कई-कई दिन से जमे हुए हैं। उन्होंने दरगाह को अपना ठिकाना(बसेरा) बना लिया, जबकि दरगाह में ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यहां लगातार ठहरने वाले अनजान व्यक्ति को चौबीस घंटे में एक मर्तबा बाहर निकालने और उसे तलाशी व तस्दीक के बाद पुन: प्रवेश की व्यवस्था कायम करने के लिए सर्च व्यवस्था लागू की गई है।
पकड़े जा चुके है अपराधी

दरगाह क्षेत्र में जायरीन, खानाबदोशी की आड़ में अपराधी तत्व पनाह ले लेते हंै। पूर्व में स्थानीय पुलिस की मदद से दिल्ली, मुम्बई व कोलकाता जैसी मेट्रो सिटी की पुलिस हत्या जैसे संगीन मामले के आरोपियों को अजमेर से गिरफ्तार कर चुकी है। अपराधी दरगाह क्षेत्र में फरारी काटते मिले हैं। ऐसे में दरगाह सुरक्षा पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है।
अंजुमन-दरगाह कमेटी का मिला साथ

पुलिस की कार्रवाई में खादिमों की संस्था अंजुमन के पदाधिकारी और दरगाह नाजिम साथ रह रहे हैं। फिलहाल खादिमों की तरफ से किसी तरह का कोई विरोध सामने नहीं आया है। अंजुमन पदाधिकारियों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई से उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। उल्लेखनीय है कि एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने 2 अक्टूबर को खादिमों की दोनों संस्था, दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों को सामूहिक बैठक लेकर दरगाह सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए तलाशी का निर्णय किया था।
दरगाह में तय है रात को इबादत की जगह
दरगाह में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा माहौल खराब किए जाने की शिकायतें मिलने के बाद दरगाह में रात के समय जायरीन के सोने और फालतु बैठने पर दरगाह कमेटी ने 12 जुलाई 2019 को पाबंदी लगा दी थी। इसके अनुसार जायरीन रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक तय किए गए पांच स्थानों पर ही बैठ कर इबादत कर सकते हैं। इसमें अहाता-ए-नूर, पांयती दरवाजा, जन्नती दरवाजा, शाहजहानी मस्जिद और संदली मस्जिद शामिल है।
हाजरी वालों को रियायत

दरगाह कमेटी ने दरगाह में हाजरी में रहने वालों के लिए भी व्यवस्था की है। दरगाह कमेटी की ओर से ऐसे जायरीन की पहचान का रिकॉर्ड रखा जा रहा है। उससे दरगाह में ठहरने का वक्त और उसकी पहचान संबंधित दस्तावेज भी रखे जा रहे हैं। बिना पहचान पत्र के रहने वाले को दरगाह परिसर में ठहरने नहीं दिया जाएगा
इनका कहना है…

दरगाह परिसर में कई लोग ऐसे है जो लम्बे समय से बैठे रहते हैं। इनकी आड़ में बैठने वाले कुछ संदिग्ध लोग दरगाह सुरक्षा को खतरा है। यहां जमे कई लोग सुरक्षा, पुलिस की गतिविधि के लिए खतरा है। ऐसे में कम से कम 24 घंटे में एक बार दरगाह को खाली किया जाना और पुन: तस्दीक व तलाशी के बाद ही भीतर जाने की प्रक्रिया नियमित चलेगी।
कुंवर राष्ट्रदीप, पुलिस अधीक्षक

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