कांग्रेस में गुटबाजी, अंदरूनी फूट और एक-दूसरे की खिलाफत का नतीजा नगर निगम चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन में सामने आ गया। इसके चलते कांग्रेस नगर निगम के 80 में से मात्र 74 वार्डों में ही अधिकृत प्रत्याशी खड़े कर सकी। ऐनवक्त तक प्रत्याशियों के नाम तय नहीं होने के कारण एक सीट तो कांग्रेस ने पहले ही गंवा दी। वहीं पांच वार्डों में कांग्रेस निर्दलीयों के भरोसे है। साथ ही बागियों की संख्या भी काफी होने से डेमेज कंट्रोल करना मुश्किल होगा।
वार्डों की स्थिति दरगाह इलाके के वार्ड 11, 12 व 13 में कांग्रेस ने किसी को सिंबल नहीं दिया। वार्ड 29 में नामांकन नहीं भरे जाने के कारण सीट भाजपा की झोली में चली गई। वार्ड 7 में कांग्रेस प्रत्याशी तारा यादव और वार्ड 77 में कांग्रेस प्रत्याशी भारती भंडारी का नामांकन खारिज हो गया। वार्ड 7 में भाजपा और रालोपा में सीधा मुकाबला है। वहीं वार्ड 77 में भाजपा प्रत्याशी के सामने तीन निर्दलीयों ने नामांकन भरा है।
कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरे दिन तक तस्वीर नहीं हुई साफ प्रत्याशी चयन में हुई गफलत को छुपाने के लिए कांग्रेस ने प्रशासन को सिंबल सौंपने के बाद भी सूची सार्वजनिक नहीं की। यहां तक कि दूसरे दिन भी कांग्रेस नेता अधिकृत सूची देने से बचते रहे। नामांकन पत्रों की जांच के बाद ही यह साफ हो पाया कि कांग्रेस 80 में 74 वार्डों में ही चुनाव लड़ पाएगी।
हर नेता के अपने-अपने सिफारिशी उण्मीदवार प्रदेश कांग्रेस के एक शीर्ष स्तर के नेता ने बताया कि स्थानीय नेताओं ने पैनल में सिफारिशी नाम ज्यादा दिए। उनके सुझाए गए वार्डवार प्रत्याशियों की हार-जीत का कोई होमवर्क शामिल नहीं था। कांग्रेस के नगर निगम चुनाव पर्यवेक्षक शारदा कांत शर्मा और सगीर अहमद को तो गुरुवार देर रात तक पैनल ही नहीं सौंपे गए थे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के दखल के बाद उन्हें पैनल मिल सके।
आमराय को लगा पलीता, गुटबाजी रही हावी प्रदेश उपाध्यक्ष और कांग्रेस के पर्यवेक्षक हरिमोहन शर्मा और जिला प्रभारी हाकम अली खान ने टिकट वितरण से पहले पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, उत्तर-विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता, पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन, कांग्रेस नेता हेमंत भाटी और डॉ. राजकुमार जयपाल से चर्चा की थी। आमराय बनाकर पैनल बनाए जाने थे, लेकिन स्थानीय नेता गुटबाजी में ही घिरे रहे। नेताओं की आपसी खींचतान से कई कार्यकर्ताओं के टिकट कट गए।
यहां विरोध जारी, सिखांएगे सबक दरगाह क्षेत्र के तीन वार्डों में प्रत्याशी नहीं उतारने से कांग्रेसियों में नाराजगी बरकरार है। शनिवार को दरगाह इलाके में मुस्लिम महासभा के कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। मुस्लिम महासभा के जिलाध्यक्ष मोहम्मद शाहनवाज ने कहा कि कांग्रेस का प्रत्याशियों को टिकट नहीं देना लोगों से विश्वासघात है। कार्यकर्ता बड़ी उम्मीद से मेहनत कर रहे थे। कोई भी जीते, उसको समर्थन देंगे. . .ऐसे शब्द ठेस पहुंचाने वाले हैं। कांग्रेस को अब नगर निगम के अलावा विधानसभा-लोकसभा चुनाव में भी सबक सिखाया जाएगा। रियाज अहमद मंसूरी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा मुस्लिमों को वोट बैंक समझती रही है। लेकिन अब लोग जागरूक हो रहे हैं।
अजमेर के नेताओं के पैनल को तवज्जो दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और अजमेर के पर्यवेक्षक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि -कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व का फैसला अंतिम होता है। स्थानीय नेताओं ने जैसे पैनल दिए। उसके अनुसार टिकट वितरण हुआ है। कार्यकताओं को किसी व्यक्ति अथवा गुट के बजाय पार्टी के प्रति वफादारी रखनी चाहिए। कांग्रेस एकजुट है और हमेशा रहेगी।
अजमेर शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विजय जैन के अनुसाीर टिकट सदैव आमराय और शीर्ष स्तर से तय होते रहे हैं। कांग्रेस ने जिसको भी प्रत्याशी बनाया है, उसके लिए कार्यकर्ता काम करेंगे।