रिश्तेदारों को पहुंचाया लाभ! एसीबी की पूर्व में की गई जांच में सामने आया कि शाहनी ने योजना के भूखण्डों को अपने परिवार, रिश्तेदार के नाम विधि विरुद्ध लाभ पहुंचाने की नीयत से कांता पत्नी राजकुमार, विक्की पुत्र राजकुमार, खूबचंद पुत्र झुमड़ोमल की नियमन पत्रावली लगा दी। शाहनी ने स्व-निर्धारण के तहत 10 प्रतिशत प्रीमियम राशि 1 लाख 26324 रुपए जमा करवा दिए। जबकि ऐसा कोई नियम नहीं है। एसीबी की ओर से मामले में एटीपी साहिब रामजोशी, सर्वेयर राजेश कुमार अजमेरा, एटीपी मेघना टी सूले और अनुरेखक शरद सारस्वत के बयान लिए। उन्होंने भी बिना प्रक्रिया अपनाए प्लानिंग हटाना अंकित किया है।
प्रकरण में ये है नामजद शाहनी के साथ तत्कालीन सचिव व हाल संभागीय आयुक्त जयपुर के.सी. वर्मा, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता राधाकिशन पालीवाल, तत्कालीन उप निगर नियोजक व सेवानिवृत्त वरिष्ठ नगर नियोजक गोपाल चित्तौडिय़ा, सहायक सचिव उम्मेदसिंह राजावत, सहायक नगर नियोजक साहिबराम, कांता पत्नी राजकुमार, खूबचंद पुत्र झूमड़ोमल व शीतल पुत्र झूमड़ोमल के शामिल हैं।