scriptशाहनी समेत नौ के खिलाफ एसीबी में मुकदमा दर्ज | Case filed in ACB against nine including Naren Shahni | Patrika News

शाहनी समेत नौ के खिलाफ एसीबी में मुकदमा दर्ज

locationअजमेरPublished: Dec 10, 2019 12:38:18 am

Submitted by:

manish Singh

बेशकीमती जमीन के हेरफेर का विवाद : पीडि़त अजमत खान ने एसीबी में इस्तगासे से दी थी शिकायत

शाहनी समेत नौ के खिलाफ एसीबी में मुकदमा दर्ज

शाहनी समेत नौ के खिलाफ एसीबी में मुकदमा दर्ज

अजमेर. तत्कालीन नगर सुधार न्यास (अब अजमेर विकास प्राधिकरण) के पूर्व चेयरमैन नरेन शाहनी भगत का बेशकीमती जमीन के हेरफेर का विवाद पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रहे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अजमत खान की ओर से दर्ज इस्तगासे पर शाहनी, तत्कालीन सचिव, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, उप नगर नियोजक, सहायक सचिव, सहायक अभियंता, सहायक नगर नियोजक समेत 3 अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेरफेर व भ्रष्टाचार अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है। चौरसियावास निवासी अजमत खान पुत्र मोटा खां ने एसीबी अजमेर एसपी को दिए परिवाद में बताया कि चौरसियावास के खसरा संख्या 727, 729, 730 और 739 को अजमेर सुधार न्यास की पंचशीलनगर आवासीय योजना में अवाप्त किया था। जिसका अवार्ड जारी करने के बाद न्यास की ओर से भूमि के बदले भूमि की बैठक जून 2009 में कर खातेदारों को भूखण्ड आवंटित करने का निर्णय कर लिया। भूखण्ड आवंटन के लिए भेजे प्रस्ताव पर मंत्रिमंडलीय कमेटी ने स्वीकृति प्रदान कर दी। लेकिन शाहनी ने पद दुरुपयोग करते हुए खसरा नम्बर 727, 729, 730 पर बनाई गई प्लानिंग को न्यास अधिकारी व कर्मचारियों से मिलकर जमीन खातेदारों को अवैध लाभ पहुंचाते हुए राजकुमार के नाम नियमन कर दी। पूर्व में बनाई गई योजना को मिटवाकर न्यास के रिकॉर्ड की कांटछांट करते हुए करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया। इसमें कर्मचारी, पटवारी चौरसियावास, एएओ, एटीपी, नियमन बाबू ने न्यास अध्यक्ष को खुश करने के लिए अवाप्त जमीन गलत नियमन कर दिया।
रिश्तेदारों को पहुंचाया लाभ!

एसीबी की पूर्व में की गई जांच में सामने आया कि शाहनी ने योजना के भूखण्डों को अपने परिवार, रिश्तेदार के नाम विधि विरुद्ध लाभ पहुंचाने की नीयत से कांता पत्नी राजकुमार, विक्की पुत्र राजकुमार, खूबचंद पुत्र झुमड़ोमल की नियमन पत्रावली लगा दी। शाहनी ने स्व-निर्धारण के तहत 10 प्रतिशत प्रीमियम राशि 1 लाख 26324 रुपए जमा करवा दिए। जबकि ऐसा कोई नियम नहीं है। एसीबी की ओर से मामले में एटीपी साहिब रामजोशी, सर्वेयर राजेश कुमार अजमेरा, एटीपी मेघना टी सूले और अनुरेखक शरद सारस्वत के बयान लिए। उन्होंने भी बिना प्रक्रिया अपनाए प्लानिंग हटाना अंकित किया है।
प्रकरण में ये है नामजद

शाहनी के साथ तत्कालीन सचिव व हाल संभागीय आयुक्त जयपुर के.सी. वर्मा, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता राधाकिशन पालीवाल, तत्कालीन उप निगर नियोजक व सेवानिवृत्त वरिष्ठ नगर नियोजक गोपाल चित्तौडिय़ा, सहायक सचिव उम्मेदसिंह राजावत, सहायक नगर नियोजक साहिबराम, कांता पत्नी राजकुमार, खूबचंद पुत्र झूमड़ोमल व शीतल पुत्र झूमड़ोमल के शामिल हैं।
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