सरकारी मेडिकल कॉलेजों में न्यूरो सर्जन बहुत कम हैं वहीं न्यूरो सर्जन भी बहुत कम तैयार हो रहे हैं। राजस्थान में न्यूरो सर्जरी के लिए सिर्फ छह मेडिकल कॉलेजों में सुविधा है मगर यहां भी ब्रेन ट्यूमर व सर्जरी मरीज अधिक हैं और न्यूरो सर्जन एक या दो से अधिक नहीं हैं। अजमेर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भी एक ही न्यूरो सर्जन डॉ. बी.एस. दत्ता हैं और वह भी कैंसर जैसे गंभीर रोग से पीडि़त हैं। इसके बावजूद वे सिर की सर्जरी करते हैं। मगर हेड इंजरी,स्पाइन सर्जरी के साथ ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के चलते काफी दबाव है। डॉ. दत्ता के अनुसार नए न्यूरो सर्जन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बहुत कम आ रहे हैं। सरकारी सेटअप में आधारभूत सुविधाओं की कमी, और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में बड़े पैकेज के चलते वे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सेवाएं नहीं देते हैं।
ब्रेन ट्यूमर क्या है ब्रेन ट्यूमर को हिन्दी में मस्तिष्क अर्बुद कहा जाता है। ब्रेन ट्यूमर का मतलब है कि मस्तिष्क की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होना। मानव मस्तिष्क की बीमारियों में सिर की चोट से मृत्यु के बाद ब्रेन ट्यूमर से होने वाली मौतों मेंं दूसरा बड़ा कारण है।
भारत हर साल 2.29 लाख मौतें ब्रेन ट्यूमर से- वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. नगेन्द्र शर्मा के अनुसार वर्ष 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रति वर्ष 2 लाख 29 हजार मौतें ब्रेन ट्यूमर से होती है। सभी तरह के कैंसर से होने वाली मौतों में 2.4 प्रतिशत मौतें ब्रेन ट्यूमर से होती हैं।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण- ब्रेन ट्यूमर की प्रारंभिक स्थिति में कोशिकाओं में सूजन के कारण सिर दर्द, उल्टियां और शरीर के प्रभावित हिस्से में सूनेपन का आभास होने लगता है।
राजस्थान में यहां है न्यूरो सर्जरी की सुविधा-
राजस्थान में सरकारी मेडिकल कॉलेज में जयपुर, अजमेर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, श्रीगंगानगर एवं बीकानेर में ही न्यूरो सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। देश में न्यूरो सर्जरी की स्थिति- भारत में एक लाख लोगों में से करीब 2400 मरीजों को न्यूरो बीमारी होती है और इन्हें एक न्यूरो विशेषज्ञ की जरूरत है।1.5-2.5 प्रतिशत न्यूरो के केस देश में एक दशक में सडक़ दुर्घटनां के बढ़े। अजमेर के जेएलएन अस्पताल में प्रतिदिन 1 हैड इंजरी की सर्जरी हो रही है।
238 न्यूरो सर्जन देश के 75 मेडिकल कॉलेज में हर साल तैयार होते हैं।
238 न्यूरो सर्जन देश के 75 मेडिकल कॉलेज में हर साल तैयार होते हैं।
90 प्रतिशत न्यूरो सर्जन बड़े शहर यानी मेडिकल कॉलेज स्तर के शहरों में ही तैनात है।
16 लाख केस हैड इंडरी के देश में हर साल सामने आ रहे हैं। (जोधपुर के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. नगेन्द्र शर्मा के अनुसार)
16 लाख केस हैड इंडरी के देश में हर साल सामने आ रहे हैं। (जोधपुर के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. नगेन्द्र शर्मा के अनुसार)
एक लाख की आबादी पर एक न्यूरो सर्जन आवश्यक अन्तरराष्ट्रीय स्तर के मानक (अमरीका बोर्ड ऑफ न्यूरो साइंसेज) के अनुसार एक लाख की आबादी पर एक न्यूरो सर्जन होना चाहिए। इस मानक के अनुरूप भारत में आबादी के अनुरूप एक लाख 15 हजार न्यूरो विशेषज्ञ चाहिए। मगर भारत में 31 लाख आबादी पर एक न्यूरो विशेषज्ञ यानी तीन हजार विशेषज्ञ ही कार्यरत हैं।
अजमेर संभाग में एक करोड़ की आबादी पर एक न्यूरो सर्जन- अजमेर संभाग के अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा एवं टोंक जिले की आबादी करीब एक करोड़ से अधिक है। एक करोड़ की आबादी पर जेएलएन मेडिकल कॉलेज में सिर्फ एक न्यूरो सर्जन हैं। इनमें से अजमेर जिले की आबादी ही करीब 30 लाख है।
राजस्थान के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में न्यूरो सर्जन की स्थिति- अजमेर में एक, जयपुर में 2 में से एक, जोधपुर में 1, उदयपुर में 2 एवं कोटा के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक न्यूरो सर्जन हैं।
प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में ब्रेन ट्यूमर सर्जरी की प्रतिक्षा सूची जयपुर एसएमएस- 2 माह अजमेर जेएलएन-एक माह
जोधपुर एम्स-3-6 माह दिल्ली एम्स-2-4 साल ब्रेन ट्यूमर के कारण- न्यूरो वैज्ञानिक अभी तक ब्रेन ट्यूमर के निश्चित कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं। मगर जो कार्मिक लगातार रेडियोधर्मिता औ्रर विशेष प्रकार के रसायन पदार्थ (विनाइल क्लोराइड) के संपर्क में रहता है। उन मस्तिष्क कोशिकाओं में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। आनुवांशिक रोगों से ग्रसित रोगियों में ब्रेन ट्यूमर ज्यादा पाए गए हैं। एक अन्य शोध के अनुसार एनाफिलिज मच्छर में पाए जाने वाले वायरस के कारण ब्रेन ट्यूमर ज्यादा होता है। इसलिए मलेरिया से ज्यादा ग्रसित होने वाले मरीजों में ब्रेन ट्यूमर सामान्य व्यक्तियों से ज्यादा होता है।
जोधपुर एम्स-3-6 माह दिल्ली एम्स-2-4 साल ब्रेन ट्यूमर के कारण- न्यूरो वैज्ञानिक अभी तक ब्रेन ट्यूमर के निश्चित कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं। मगर जो कार्मिक लगातार रेडियोधर्मिता औ्रर विशेष प्रकार के रसायन पदार्थ (विनाइल क्लोराइड) के संपर्क में रहता है। उन मस्तिष्क कोशिकाओं में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। आनुवांशिक रोगों से ग्रसित रोगियों में ब्रेन ट्यूमर ज्यादा पाए गए हैं। एक अन्य शोध के अनुसार एनाफिलिज मच्छर में पाए जाने वाले वायरस के कारण ब्रेन ट्यूमर ज्यादा होता है। इसलिए मलेरिया से ज्यादा ग्रसित होने वाले मरीजों में ब्रेन ट्यूमर सामान्य व्यक्तियों से ज्यादा होता है।