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सावधान! अब सर्प दंश की घटनाएं बढऩे लगी,जलवायु बदलने का असर

locationअजमेरPublished: Jul 16, 2019 01:44:48 am

Submitted by:

suresh bharti

वल्र्ड स्नेक डे पर विशेष :
करीब एक साल में बढ़ गई करीब चार हजार इंजेक्शन की खपत, सर्पदंश के मामले दुगने बढ़े, सात हजार ने लगाए इंजेक्शन, सर्पदंश पीडि़तों की संख्या में तेजी से हो रहा इजाफा

Cases of snakebite increased

सावधन! अब सर्प दंश की घटनाएं बढऩे लगी,जलवायु बदलने का असर

अजमेर.

जंगल घट रहे हैं। हरियाली नदारद है। पेड़ लुप्त हो गए। पहाड़ अवैध खनन की भेंट चढ़ गए। इसके चलते वन्यजीव आबादी में घूस रहे हैं। कभी पैंथर, सियार, हिरण तो कभी मगरमच्छ व सर्प भी शामिल है। तापमान में बदलाव का असर जीवों पर भी पड़ रहा है। पिछले कुछ सालों में ब्यावर उपखंड में सर्पदंश का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। गत साल सर्पदंश पीडि़तों के लिए अमृतकौर चिकित्सालय में तीन हजार दौ सौ पचास इंजेक्शन लगे थे। इस साल 15 जुलाई तक इसकी संख्या सात हजार दौ सौ अस्सी तक पहुंच गई। यह आंकड़ा गत साल की अपेक्षा चार हजार अधिक है जो चौकाने वाला है।
तीन जिलों के आ रहे रोगी

अमृतकौर चिकित्सालय में तीन जिलों के मरीज आते हैं। यहां पर सर्पदंश के आने वाले पीडि़तों की संख्या खासी है। मगरा क्षेत्र पथरीला होने से सर्पदंश के अधिक मरीज आते है। इसके अलावा जैतारण, रायपुर, मसूदा, बदनोर, टॉडगढ, जवाजा, भालिया आदि क्षेत्रों के मरीज आते हैं।
ऐसे में मरीजों की संख्या रहती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो एक अप्रेल 2017 से 15 जुलाई 2018 तक 3250 इंजेक्शन सर्पदंश पीडि़तों के लगे,जबकि एक अप्रेल 2018 से 15 जुलाई 2019 तक 728 0 इंजेक्शन सर्पदंश पीडि़तों के लगे।यह आंकड़ा चार हजार तीस का है। इतनी संख्या में सर्पदंश से पीडि़त बढऩे का मामला चांैकाने वाला है।
सर्पदंश से युवक की मृत्यु

ब्यावर क्षेत्र के जवाजा थाना क्षेत्र के ग्राम बागलिया में सोमवार को खेत पर काम करते समय नारायणलाल को सर्प ने काट लिया। ग्रामीण तत्काल उसे लेकर जवाजा चिकित्सालय पहुंचे, जहां पर उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी लगते ही पूरे गांव में शोक छा गया।
देरी भी बनती है जानलेवा

भीम उपखंड के बरार क्षेत्र की एक बालिका को गत साल सर्प ने डस लिया था। इसके बाद परिजन उसे देवता के थान पर लेकर गए। इसके बाद भीम चिकित्सालय ले गए, जहां से उसे ब्यावर रेफर किया गया। ऐसे में बालिका को समुचित उपचार मिलने में देरी हो गई। ऐसे में बालिका की सांसें थम गई। इसी प्रकार रायपुर क्षेत्र में खेत पर रखवाली कर रहे एक अधेड़ को सांप ने डस लिया।
लोगों ने उसे देशी पाउडर खिलाया,ताकि जहर का असर कम हो। अधेड़ बेहोशी की हालत में होने से देशी दवा उसकी सांस में चली गई। इसके चलते उसकी मृत्यु हो गई। ऐसे और भी मामले अस्पताल में सामने आते हैं। अज्ञानता व देरी के चलते सर्पदंश से पीडि़तों की मृत्यु हो जाती है।
एक साल में चार हजार इंजेक्शन की बढ़ी खपत

अमृतकौर चिकित्सालय में करीब एक साल में चार हजार इंजेक्शन की खपत बढ़ गई। एक अप्रेल 2017 से 15 जुलाई 2018 तक 3250 इंजेक्शन सर्पदंश पीडि़तों के लगे, जबकि एक अप्रेल 2018 से 15 जुलाई 2019 तक 728 0 इंजेक्शन सर्पदंश पीडि़तों के लगे।
चिकित्सक के अनुसार…

अमृतकौर चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संजय शषर्मा के अनुसार बरसात के मौसम में बिलों में पानी चला जाता है। जगह-जगह कचरा व गंदगी होने से सांप सहित अन्य जीव साफ जगह की ओर आते हंै। ऐसे में खुले एवं फर्श पर नहीं सोएं। सांप काटने पर तत्काल अस्पताल ले जाएं,ताकि समय पर इलाज मिल सके। सर्पदंश के जगह पर कट नहीं लगाएं। अस्पताल में सर्पदंश के इंजेक्शन नि:शुल्क उपलब्ध है।
राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय के स्टोर प्रभारी धर्मवीर सिंह चौहान के मुताबिक इस साल सर्पदंश के मामले काफी आए हैं। इतने मरीज पहले कभी नहीं आए। एक अप्रेल 2018 से 15 जुलाई 2019 तक 728 0 इंजेक्शन इश्यू किए गए। सर्पदंश के इंजेक्शन का पर्याप्त स्टॉक है।

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