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राजगढ़ थानाधिकारी आत्महत्या मामला : सीबीआई की जांच से खुलेगा राज

locationअजमेरPublished: Jun 27, 2020 11:50:10 pm

Submitted by:

suresh bharti

सर्किट हाउस चूरू व सादुलपुर में टीम के लिए कमरे कराए बुक, तीन गाडिय़ों को किया अधिग्रहित, करीब डेढ़ माह रुकेगी टीम, विश्नोई समाज, सोशल मीडिया व आमजन के दबाव के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने सीबीआई जांच के लिए की थी सिफारिश

राजगढ़ थानाधिकारी आत्महत्या मामला : सीबीआई की जांच से खुलेगा राज

राजगढ़ के थानाधिकारी रहे विष्णुदत्त विश्नोई (फाइल फोटो)

अजमेर/चूरू. राज्य सरकार की अनिच्छा के बावजूद आखिर राजगढ़ के थानाधिकारी रहे विष्णुदत्त विश्नोई आत्महत्या मामले में सीबीआई जांच करेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस प्रकरण को राज्य पुलिस की स्पेशल टीम व सीआईडी को ही सौंपना चाहते थे,लेकिन जनदबाव के चलते उन्हें अपना निर्णय बदलना पड़ गया।
जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री गहलोत के गृह जिले जोधपुर में विश्नोई मतदाता निर्णायक है। राजगढ़ के मृतक थानाधिकारी भी विश्नोई हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत विश्नोई समाज की सीबीआई से जांच कराने की मांग को दरकिनार नहीं कर पाए।
वैसे यह मामला काफी रोचक व रहस्यमयी हो चुका है। सीबीआई जांच के बाद मामला दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। जांच टीम मामले की गहराई में जाकर मौत की वजह को ढूंढ निकालेगी।
टीम के डेढ़ माह रुकने के आसार

सीबीआई जांच टीम के 29 जून को चूरू आने की संभावना हैं। स्थानीय पुलिस अधिकारियों की ओर से टीम के सदस्यों के रहने के लिए चूरू सर्किट हाउस में तीन कमरों सहित सादुलपुर में भी कमरे बुक करा दिए गए हैं। टीम के सदस्यों के लिए तीन गाडिय़ां भी आरक्षित की गई है, जो कि टीम के सदस्यों को लाने व ले जाने का काम करेगी।
सूत्रों की मानें तो सीबीआई टीम घटनास्थल का मौका मुआयना करेगी। साथ में जिला कलक्टर, एसपी सहित सादुलपुर पुलिस थाना स्टाफ के बयान दर्ज करेगी। टीम के करीब डेढ़ माह तक रुकने के आसार हैं।
कमरे में फांसी पर लटका मिला था शव

23 मई की रात राजगढ़ थानाधिकारी विश्नोई ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मौत के बाद दिवंगत थानाधिकारी व एक अधिवक्ता के बीच चैट भी वायरल हुई, जिसमें थानाधिकारी की ओर से तनाव की बात कही गई थी।
घटना की जानकारी लगने पर सांसद राहुल कस्वा, विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, बसपा नेता मनोज न्यांगली धरने पर बैठे थे। जनप्रतिनिधियों की ओर से सीबीआई जांच की मांग की गई थी। परिजन ने शव लेने से इंकार कर दिया था। हालांकि कुछ शर्त मानने के बाद परिजन शव लेने को तैयार हो गए थे।
सीआईडी सीबी टीम पहुंची

सूचना के बाद सीआईडी सीबी की टीम एसपी विकास शर्मा के नेतृत्व में राजगढ़ पहुंची थी। करीब एक सप्ताह के दौरान स्टॉफ के बयान लिए गए थे। सीबी सीआइडी के एसपी की ओर से डीजीपी भूपेन्द्र सिंह यादव को रिपोर्ट भी पेश की गई थी, लेकिन विश्नोई समाज व आमजन इससे संतुष्ट नहीं थे।
सीबीआई जांच की मांग को लेकर अभियान

आमजन की ओर से थानाधिकारी आत्महत्या मामले की जांच को लेकर धरना-प्रदर्शन सहित सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया था। इसमें हजारों लोगों की ओर से समर्थन करते हुए सीबीआई से जांच करवाने की मांग की गई थी। इसे लेकर प्रदेश की सरकार पर लगातार दबाव बना हुआ था।
विश्नोई समाज ने दिया था सरकार को अल्टीमेटम

विश्नोई समाज ने सरकार से बार-बार सीबीआई से जांच की मांग की थी,लेकिन सरकार की ओर से जवाब नहीं मिलने पर विश्नोई समाज के प्रतिनिधि मंडल ने दो बार मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान समाज की ओर से 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मांग मानते हुए जांच सीबीआई से कराने की सिफ ारिश की थी।
मोबाइल खोलेगा कई राज

मामले की जांच सीबीआई के पास जाने से आत्महत्या प्रकरण में कई तरह के खुलासे होने की उम्मीद है। साथ ही आत्महत्या के कारणों का सही पता लगने से कई चेहरे बेनकाब होंगे। थानाधिकारी विश्नोई का पैटर्न लॉक लगा मोबाइल सीबीआई की ओर से खोले जाने पर कई राज उजागर हो सकते हैं।
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