सीबीएसई के अजमेर रीजन में इस बार बारहवीं में 10 हजार 361 विद्यार्थियों के सप्लीमेंट्री आई है। दसवीं में 3 हजार 559 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री के योग्य माना गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बोर्ड ने बारहवीं और दसवीं के विद्यार्थियों को तीन आंतरिक परीक्षाओं के मूल्यांकन के आधार पर अंक देकर जुलाई में परिणाम जारी किए थे। बोर्ड ने विद्यार्थियों को परफॉरमेंस सुधार परीक्षा का विकल्प भी दिया है।
भरें ऑनलाइन फॉर्म
परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थी सप्लीमेंट्री और परफॉरमेंस सुधार परीक्षा के लिए 20 अगस्त तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। इसके लिए बिना विलंब शुल्क 300 रुपए फीस देनी होगी। बाद में 21 और 22 अगस्त को दो हजार रुपए विलंब शुल्क से फॉर्म भरे जा सकेंगे। फीस डेबिट/क्रेडिट कार्ड, आरटीजीएस और अन्य ऑनलाइन माध्यम से दी जा सकेगी।
ये रहेगी फीस व्यवस्था
-फरवरी/मार्च में दसवीं-बारहवीं की नियमित परीक्षा देने वाले पूरक योग्य घोषित विद्यार्थियों को देनी होगी फीस
-दसवीं-बारहवीं के जो विद्यार्थी 1 से 15 जुलाई तक प्रस्तावित परीक्षा में परफॉरमें सुधार परीक्षा देना चाहते थे और जिनका परिणाम (नॉन क्लीयर) रहा है। उन्हें फीस नहीं देनी होगी।
-फरवरी/मार्च में छह विषयों सति दसवीं-बारहवीं की नियमित परीक्षा देने वाले विद्यार्थी जिनका परिणाम उत्तीर्ण रहा है। साथ ही विद्यार्थी एक विषय पास नहीं कर पाया, उन्हें देनी होगी फीस
बोली यूजीसी, कॉलेज-यूनिवर्सिटी को करना होगा ये काम रक्तिम तिवारी/अजमेर. देश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी अब शिक्षकों/आवेदकों के मूल प्रमाण पत्र ‘दबाकर Ó नहीं बैठ सकेंगे। इन संस्थानों को शिक्षकों/आवेदकों के नौकरी छोडऩे वक्त प्रमाण पत्र देने जरूरी होंगे। यूजीसी ने देश के सभी संस्थानों को इसके आदेश जारी किए हैं।
सरकारी और निजी कॉलेज-यूनिवर्सिटी में सहायक आचार्य, रीडर और प्रोफेसर पद के लिए आवेदन मांगे जाते हैं। यह नियुक्तियां स्थाई अथवा कॉन्ट्रेक्ट आधार पर होती हैं। आवेदन अथवा साक्षात्कार के दौरान कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षकों/आवेदकों से मूल शैक्षिक अंकतालिका/ प्रमाण पत्र मांगते हैं।