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सीबीएसई.. 9 दिसम्बर को होगी सीटेट, तैयार हो जाएंगे परीक्षा के लिए

locationअजमेरPublished: Sep 12, 2018 05:13:50 am

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

cbse ctet exam 2018

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अजमेर.

सीबीएसई केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) का आयोजन 9 दिसम्बर को करेगा। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अभ्यथी त्रुटियां सुधार चुके हैं। नवम्बर अंत तक सीबीएसई प्रवेश पत्र अपलोड कर देग।
स्कूल में शिक्षक बनने के लिए सीबीएसई के तत्वावधान में केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) कराई जाती है। साल 2015-16 तक परीक्षा फरवरी और सितम्बर में कराई जाती रही थी। इसके तहत अंतिम बार 18 सितम्बर 2016 को यह परीक्षा हुई थी।
करीब 21 महीने पश्चात परीक्षा से जुड़ी अधिसूचना जारी की गई। बोर्ड ने 1 से 27 अगस्त तक ऑनलाइन फार्म और ई-चालान से 30 अगस्त तक फीस जमा कराने का अवसर दिया था। इसके बाद त्रुटियां सुधारने का अवसर दिया गया था।
इसीलिए कराई जाती है परीक्षा

केंद्र सरकार ने सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय और अन्य स्कूल में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक और अन्य स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी किया है। विभिन्न प्रदेशों में भी राज्य स्तरीय परीक्षा कराई जाती है।
आरपीएससी ने घोषित किया इस परीक्षा का री-शफल परिणाम

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने सहायक कारापाल प्रतियोगी परीक्षा-2013 के तहत री-शफल परिणाम घोषित किया है। सचिव पी. सी. बेरवाल ने बताया कि सहायक कारापाल प्रतियोगी परीक्षा का साक्षात्कार परिणाम 9 जून 2017 को गोषित किया गया था। इस परिणाम के तहत अपात्र रहे अभ्यर्थियों के विरुद्ध 30 अगस्त 2018 को दो अभ्यर्थियों के साक्षात्कार लिए गए। उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार रोक गएअभ्यर्थी के विरुद्ध और पूर्व में घोषित परिणाम के क्रम में री-शफल परिणाम घोषित किया गया है। अभ्यर्थी वेबसाइट पर परिणाम का अवलोकन कर सकते हैं।
किसी को जीत से मिली खुशी तो कोई डूबा गम में

छात्रसंघ चुनाव कई विद्यार्थियों के लिए खुशी और गम का संदेश लाए। एनएसयूआई ने छात्रसंघ चुनाव में एसपीसी-जीसीए से दो-दो पैनल उतार दिए थे। जिलाध्यक्ष नवीन सोनी और अन्य तो नवनिर्वाचित अध्यक्ष अब्दुल फरहान खान की उम्मीदवार को ही फर्जी बताने में जुटे थे। जबकि जीतने के बाद फरहान ने वापस एनएसयूआई की सदस्यता लेने की बात कही है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शिवप्रकाश गुर्जर, युवा कांग्रेस के सुनील लारा, नरेश सारवान और अन्य भी एनएसयूआई के राजपाल जाखड़ के साथ ही कामकाज कर रहे थे। गुटबाजी के बावजूद सही रणनीति और छात्र-छात्राओं में लोकप्रियता के चलते फरहान ने किला फतह किया।

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