अब सिर्फ दसवीं-बारहवीं की परीक्षा वर्ष 2019 में सीबीएसई सिर्फ दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं ही कराएगा। यह सीबीएसई के गठन के बाद पहला मौका होगा जबकि प्रतियोगी परीक्षाएं का आयोजन अन्य संस्था कराएगी। मालूम हो कि दसवीं और बारहवीं की इस साल हुई वार्षिक परीक्षा में करीब 28 लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे।
प्रतियोगी परीक्षा एजेंसी के जिम्मे
इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी गठित की गई है। एजेंसी साल में दो बार नीट, जेईई मेन्स और नेट-जेआरएफ परीक्षा का आयोजन करेगी। इनकी शुरुआत साल 2018 से ही होगी।
इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी गठित की गई है। एजेंसी साल में दो बार नीट, जेईई मेन्स और नेट-जेआरएफ परीक्षा का आयोजन करेगी। इनकी शुरुआत साल 2018 से ही होगी।
पढऩे वालों को नहीं सरोकार, कैसे खुले 24 घंटे लाइब्रेरी पढऩे वालों के लिए लाइब्रेरी सदैव खुली रहती है, लेकिन नौजवान और शहरवासियों को ही सरोकार नहीं हो तो कोई नवाचार नहीं हो सकता है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में 24 घंटे लाइब्रेरी खुली रखने के प्रस्ताव का यही हाल हुआ है। एक साल में ना विद्यार्थियों ना आमजन की तरफ से विश्वविद्यालय को ऐसा कोई प्रस्ताव मिला है।
1 अगस्त 1987 को स्थापित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में सारस्वत केंद्रीय पुस्तकालय बना हुआ है। यहां हिंदी,अंग्रेजी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, साहित्य, विज्ञान, ललित कला, वाणिज्य, प्रबंधन और अन्य विषयों की नई एवं परानी पुस्तकें संग्रहित हैं। दो मंजिला लाइब्रेरी में कई भाषाओं की पत्र-पत्रिकाएं आती हैं। यह इन्फ्लिबनेट के जरिए देश-दुनिया की विभिन्न लाइब्रेरी से जुड़ी हुई है।
विद्यार्थी-शिक्षक ही करते इस्तेमाल सेंट्रल लाइब्रेरी का इस्तेमाल अभी कैंपस के विद्यार्थी और शिक्षक ही करते हैं। यह आठ-नौ घंटे से ज्यादा नहीं खुलती। जबकि राजस्थान विश्वविद्यालय, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय उदयपुर, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर सहित आईआईटी, आईआईएम और दुनिया की अधिकांश उच्च, तकनीकी, चिकित्सा एवं अन्य संस्थानों में लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहती है। इनमें आमजन भी शाम अथवा रात्रि में बैठक किताबें पढ़ सकते हैं।
किया था प्रस्ताव तैयार पूर्व छात्रों की एल्यूमिनी ने पिछले साल पूर्व कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह को विश्वविद्यलाय के सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत सेंट्रल लाइब्रेरी 24 घंटे खोलने का सुझाव दिया था। उन्होंने इस पर तत्काल सहमति जताई। लेकिन साल भर में ना विश्वविद्यालय ना इसे सम्बद्ध कॉलेज के छात्र-छात्राओं, शहरवासियों, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों ने संपर्क किया। जबकि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में किताबों, पत्र-पत्रिकाओं की कोई कमी नहीं है।
लाइब्रेरी में बनने थे जोन
योजना के तहत लाइब्रेरी की पुस्तकों को विभिन्न विधाओं के अनुसार जोन में बांटा जाना था। इसके तहत साहित्यकार, कला एवं संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान, संगीत, उच्च-तकनीकी शिक्षा, जीवन दर्शन और अन्य जोन प्रस्तावित थे। ताकि संबंधित विषय की किताबें उसी जोन में आसानी से मिल सकेगी। विद्यार्थियों और आजमन के रीडिंग रूम अलग-अलग बनाने थे।
योजना के तहत लाइब्रेरी की पुस्तकों को विभिन्न विधाओं के अनुसार जोन में बांटा जाना था। इसके तहत साहित्यकार, कला एवं संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान, संगीत, उच्च-तकनीकी शिक्षा, जीवन दर्शन और अन्य जोन प्रस्तावित थे। ताकि संबंधित विषय की किताबें उसी जोन में आसानी से मिल सकेगी। विद्यार्थियों और आजमन के रीडिंग रूम अलग-अलग बनाने थे।