कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते 19 मार्च को सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित की थीं। यह बकाया परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई तक कराई जानी हैं। बोर्ड के फैसले के खिलाफ अभिभावकों ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। शीर्ष अदालत ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देने पर विचार करने और गुरुवार तक जवाब पेश करने को कहा था।
बारहवीं में आंतरिकमूल्यांकन नहीं आसान बोर्ड सूत्रों की मानें तो दसवीं में आंतरिक मूल्यांकन किया जा सकता है। बारहवीं में यह संभव नहीं है। विद्यार्थी आईआईटी, एनआईटी, एनएलयू, मेडिकल, इंजीनियरिंग और केंद्रीय/राज्य स्तरीय संस्थानों में दाखिलों के लिए परीक्षा देते हैं। आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देने से उन्हें नुकसान होता है। बोर्ड परीक्षाओं में वे बेहतर प्रदर्शन कर अंक प्राप्त करते रहे हैं।
कई राज्य करा रहे परीक्षाएं
सीबीएसई के उच्चाधिकारी परीक्षाओं पर चर्चा में जुटे हैं। उनका मानना है, कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, यूपी, तेलंगाना सहित कई राज्य दसवीं-बारहवीं की बकाया परीक्षाएं करा रहे हैं। कई राज्यों में परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। राज्य बोर्ड जुलाई में नतीजे निकाल देंगे। ऐसे में सीबीएसई के विद्यार्थियों की परीक्षाएं नहीं हुई तो वे प्रतियोगिता में पिछड़ सकते हैं।
सीबीएसई के उच्चाधिकारी परीक्षाओं पर चर्चा में जुटे हैं। उनका मानना है, कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, यूपी, तेलंगाना सहित कई राज्य दसवीं-बारहवीं की बकाया परीक्षाएं करा रहे हैं। कई राज्यों में परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। राज्य बोर्ड जुलाई में नतीजे निकाल देंगे। ऐसे में सीबीएसई के विद्यार्थियों की परीक्षाएं नहीं हुई तो वे प्रतियोगिता में पिछड़ सकते हैं।
फैल रहा कोरोना, विश्वविद्यालय रद्द करे परीक्षाएं अजमेर. कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ एनएसयूआई के छात्रों ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया। छात्रों और पुलिस के बीच कुलपति सचिवालय पर धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं। कुलपति ने सरकार के निर्देशानुसार परीक्षाएं कराने की बात कही। छात्रों ने चेताया कि परीक्षाएं निरस्त नहीं हुई तो सोमवार से आंदोलन किया जाएगा।