परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि सीबीएसई की 4 मई से प्रस्तावित दसवीं की परीक्षाएं रद्द की गई हैं। बोर्ड को एक वैकल्पिक पद्धति के आधार पर विद्यार्थियों को प्रमोट करने को कहा गया है। इसमें विद्यार्थियों के साल भर के मूल्यांकन को आधार बनाया जाएगा। यदि विद्यार्थी प्रमोशन फार्मूले से खुश नहीं होते हैं, तो उन्हें परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा। प्रमोशन फार्मूला सरकार, बोर्ड अध्यक्ष सहित उच्च स्तर पर चर्चा के बाद तय होगा।
आंतरिक मूल्यांकन के 20 प्रतिशत अंक
सीबीएसई की दसवीं में विद्यार्थियों को 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के मिलते हैं। इनमें स्कूल स्तर पर प्रथम और द्वितीय टर्मिनल परीक्षा, अद्र्ध वार्षिक परीक्षाओं के अंक शामिल होती हैं। प्रत्येक स्कूल को आंतरिक मूल्यांकन के अंक सीबीएसई को भेजने पड़ते हैं।
परीक्षा में 80 प्रतिशत अंक
सालाना परीक्षाओं के विषयवार परीक्षाओं में 80 प्रतिशत अंक भार होता है। विद्यार्थी अंग्रेजी, हिंदी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित सहित अन्य विषय की परीक्षाएं देते हैं। विद्यार्थियों की कॉपियों का देश भर में शिक्षक मूल्यांकन करते हैं। इसमें आंतरिक मूल्यांकन के 20 प्रतिशत अंक जोड़कर परिणाम जारी किया जाता है।
यूं बनाया जा सकता है फार्मूला
-विद्यार्थियों को दिए जा सकते हैं प्रोजेक्ट-तैयार कराई जा सकती है विषयवार ऑनलाइन प्रश्नावली
-स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों द्वारा किए गए गृहकार्य का मूल्यांकन
-सह शैक्षिक गतिविधियों का मूल्यांकन
-विद्यार्थियों के नवीं कक्षा का परफॉरमेंस
-दसवीं के अद्र्ध वार्षिक परीक्षा (ऑनलाइन या ऑफलाइन) का अंकभार
प्रमोशन आधार पर होगा विषय चयन दसवीं में प्रमोट होने वाले विद्यार्थियों को ग्यारहवीं कक्षा में विषय चयन करना होगा। देश भर में स्कूल अब तक प्रथम और द्वितीय टर्म परीक्षा, अद्र्ध वार्षिक परीक्षा के औसत अंकों और बोर्ड के सालाना परिणाम के आधार पर विषय आवंटित करते रहे हैं। प्रमोशन फार्मूला ही विषय चयन का आधार होगा। इसमें स्कूल की मनमानी नहीं चले इसका सीबीएसई को ध्यान रखना होगा।