सीबीएसई के दसवीं और बारहवीं की वार्षिक परीक्षाओं में लाखों विद्यार्थी बैठते हैं। साल 2005 में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फे्रमवर्क (एनसीएफ) लागू करने के बावजूद विद्यार्थियों में रटने की प्रवृत्ति कम नहीं हुई है। हालांकि सीबीएसई ने पिछले 13 साल में परीक्षाओं के दौरान कई नवाचार भी किए हैं। इसमें बीस प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन,श्रवण और भाषण कौशल, उत्तर सीमा निर्धारण जैसे नवाचार शामिल हैं।
यूं बनाना है आंतरिक मूल्यांकन को सशक्त
-दसवीं और बारहवीं के पेपर प्रणाली में सुधार के लिए बनाई है समिति -आंतरिक मूल्यांकन को सशक्त बनाना है मजबूत
-पेपर में बढ़ सकती है वस्तुनिष्ठ प्रश्न (ऑब्जेक्टिव) की संख्या
-विद्यार्थियों को पढऩा होगा पाठ्यक्रम को
-बीस प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन में शामिल किए जा सकते हैं प्रश्न -विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में होगी आसानी बोर्ड के पूर्व में किए गए नवाचार…
-दसवीं-बारहवीं में परीक्षा से 15 मिनट पहले विद्यार्थियों को पेपर पढऩे का अवसर
-दसवीं में सतत एवं समग्र मूल्यांकन के तहत स्कूल पैटर्न परीक्षा (2018 में बंद)
-पेपर में उत्तरों की शब्द सीमा निर्धारण -उत्तर में अपेक्षित चित्रों को बढ़ावा देना 2020 से गणित में कठिन-सरल पद्धति
बोर्ड सालाना परीक्षा के दौरान दसवीं में गणित विषय के कठिन और सरल पेपर की शुरुआत करेगा। साल 2020 की परीक्षा में इसे लागू किया जाएगा। इसी साल जनवरी में बोर्ड ने इस नवाचार की घोषणा की थी।