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CBSE: 2019 में बनाया था सीबीएसई ने रिजल्ट निकालकर रिकार्ड

कॉपियों का मूल्यांकन समय पर कराने के बाद तत्काल रिजल्ट निकालने होंगे।

अजमेरApr 29, 2020 / 09:40 am

raktim tiwari

cbse results

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अजमेर.

सीबीएसई ने पिछले साल दसवीं और बारहवीं के नतीजे मई के सप्ताह में निकाले थे। यह बीते 70 साल में रिकॉर्ड था। लेकिन इस बार कोरोना लॉकडाउन ने बोर्ड के परिणाम को फिर मई अंत या जून की तरफ धकेल दिया है।
पिछले साल सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षाएं 15 फरवरी और दसवीं की 25 फरवरी से शुरू हुई थीं। दोनों कक्षाओं के पेपर अप्रेल में खत्म हो गए थे। बोर्ड ने परीक्षाओं की शुरुआत के साथ कॉयिपों का मूल्यांकन प्रारंभ करा दिया। अप्रेल के पहले पखवाड़े तक 99 प्रतिशत कॉपियों का मूल्यांकन पूरा करा लिया था।
दिन-रात किया था काम
सीबीएसई के स्टाफ ने परिणाम तैयार करने के लिए दिन-रात काम किया था। इनमें कॉपियों का मूल्यांकन, अंकों की गहन जांच शामिल थी। कई कर्मचारियों को तो शनिवार और रविवार सहित अन्य अवकाश भी नहीं मिले। बोर्ड ने गोपनीयता के लिहाज से किसी भी रीजन को परिणाम समय से पहले निकालने की कोई सूचना नहीं दी। यही वजह रही कि पिछले साल बोर्ड ने बारहवीं का नतीजा 2 मई और दसवीं का नतीजा 6 मई को निकालकर समूचे देश को चौंका दिया था।
इस बार लॉकडाउन से देरी
सीबीएसई ने साल 2020 में भी परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू की थीं। 18 मार्च तक दसवीं के एक विषय छोडकऱ सभी पेपर हो गए थे। दसवीं के भी 75 फीसदी से अधिक पेपर हो चुके थे। लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार बोर्ड को परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ीं। अब कोरोना लॉकडाउन के चलते यह पेपर अटके हुए हैं।
समय पर रिजल्ट निकालना चुनौती

बीते साल वक्त से पहले बारहवीं का परिणाम निकालने के फायदे हुए। देश के कई नामचीन कॉलेज-यूनिवर्सिटी में प्रवेश शुरू हो गए। विद्यार्थियों को अंकतालिकाएं-सर्टिफिकेट समय पर मिल गए थे। इन सबको ध्यान में रखते हुए बोर्ड को इस बार ज्यादा मेहनत करनी होगी। कॉपियों का मूल्यांकन समय पर कराने के बाद तत्काल रिजल्ट निकालने होंगे।

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