सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की सालाना परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू हुई हैं। देश के अजमेर , नई दिल्ली, इलाहाबाद, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, देहरादून, पंचकुला, गुवाहाटी, पटना, भुवनेश्वर रीजन के 28 लाख विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
दसवीं की परीक्षाएं मार्च अंत और बारहवीं की 13 अप्रेल तक चलेंगी। अधिकृत सूत्रों के अनुसार सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं की कॉपियों का मूल्यांकन भी शुरू करा दिया है। विषयवार परीक्षाएं होने के साथ मूल्यांकन कराया जा रहा है। मालूम हो कि अजमेर रीजन में दसवीं में 1 लाख 81 हजार 304 विद्यार्थी और बारहवीं में 1 लाख 43 हजार 228 विद्यार्थी पंजीकृत हैं।
परिणाम मई में
दसवीं और बारहवीं के नतीजे मई में घोषित होंगे। इस बार परीक्षाएं 13 अप्रेल को खत्म हो जाएंगी। लिहाजा बोर्ड को कॉपियों के मूल्यांकन के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। बोर्ड बारहवीं और दसवीं के नतीजे मई के दूसरे पखवाड़े में जारी कर देगा।
दसवीं और बारहवीं के नतीजे मई में घोषित होंगे। इस बार परीक्षाएं 13 अप्रेल को खत्म हो जाएंगी। लिहाजा बोर्ड को कॉपियों के मूल्यांकन के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। बोर्ड बारहवीं और दसवीं के नतीजे मई के दूसरे पखवाड़े में जारी कर देगा।
इस बार दसवीं के रिजल्ट पर नजरें
दसवीं के रिजल्ट पर इस बार स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों की नजरें रहेंगी। करीब सात साल बाद दसवीं की परीक्षाएं वापस बोर्ड करा रहा है। पिछले साल तक दसवीं की परीक्षाएं स्कूल और बोर्ड पैटर्न में विभाजित थीं। इसके तहत ज्यादातर स्टूडेंट्स स्कूल पैटर्न से परीक्षाएं देते थे। इसके अलावा मार्कशीट में नम्बर के बजाय स्टूडेंट्स को ग्रेडिंग मिलते थे। इस बार बोर्ड खुद दसवीं की परीक्षाएं करा रहा है। ऐसे में मार्कशीट में नम्बर भी दिख सकते हैं।
दसवीं के रिजल्ट पर इस बार स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों की नजरें रहेंगी। करीब सात साल बाद दसवीं की परीक्षाएं वापस बोर्ड करा रहा है। पिछले साल तक दसवीं की परीक्षाएं स्कूल और बोर्ड पैटर्न में विभाजित थीं। इसके तहत ज्यादातर स्टूडेंट्स स्कूल पैटर्न से परीक्षाएं देते थे। इसके अलावा मार्कशीट में नम्बर के बजाय स्टूडेंट्स को ग्रेडिंग मिलते थे। इस बार बोर्ड खुद दसवीं की परीक्षाएं करा रहा है। ऐसे में मार्कशीट में नम्बर भी दिख सकते हैं।
33 प्रतिशत नम्बर जरूरी
दसवीं क्लास में प्रत्येक विषय में स्टूडेंट्स को पास होने के लिए 33 प्रतिशत नम्बर लाने जरूरी होंगे। इसके गाइड लाइन पहले ही सीबीएसई जारी कर चुका है। दसवीं की मार्कशीट में ग्रेडिंग होगी या नहीं यह अब साफ नहीं किया गया है। मालूम हो कि स्टूडेंट्स में नम्बर को लेकर काफी होड़ मचती थी। कम नम्बर पर कई स्टूडेंट्स तनाव ग्रस्त होकर आत्म हत्या जैसे कदम उठा लेते थे। ऐसे में सीबीएसई ने दसवीं में नम्बरों के बजाय ग्रेडिंग देने की शुरुआत की थी।
दसवीं क्लास में प्रत्येक विषय में स्टूडेंट्स को पास होने के लिए 33 प्रतिशत नम्बर लाने जरूरी होंगे। इसके गाइड लाइन पहले ही सीबीएसई जारी कर चुका है। दसवीं की मार्कशीट में ग्रेडिंग होगी या नहीं यह अब साफ नहीं किया गया है। मालूम हो कि स्टूडेंट्स में नम्बर को लेकर काफी होड़ मचती थी। कम नम्बर पर कई स्टूडेंट्स तनाव ग्रस्त होकर आत्म हत्या जैसे कदम उठा लेते थे। ऐसे में सीबीएसई ने दसवीं में नम्बरों के बजाय ग्रेडिंग देने की शुरुआत की थी।