scriptअगर सीबीएसई के स्कूल में मिला ऐसा माहौल, खुल सकता है किस्मत का पिटारा | CBSE school awarded under clean and green scheme | Patrika News

अगर सीबीएसई के स्कूल में मिला ऐसा माहौल, खुल सकता है किस्मत का पिटारा

locationअजमेरPublished: Aug 18, 2018 03:50:41 pm

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

cbse clean school

cbse clean school

अजमेर.

सीबीएसई से सम्बद्ध सरकारी और निजी स्कूल को स्वच्छता और हरियाली होने पर पुरस्कार मिलेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग मौजूद सत्र के पुरस्कार जल्द बांटेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्वच्छता और हरियाली के आधार पर सरकार और निजी स्कूल के लिए योजना प्रारंभ की है। सीबीएसई से सम्बद्ध शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के सरकारी, निजी और अनुदानित स्कूल इसमें शामिल किए गए हैं।
यह होंगे खास बिन्दु

-स्कूल भवनों में स्वच्छता और कचरा निष्पादन प्रक्रिया
-विद्यार्थियों और स्टाफ के शौचालयों की सफाई

-शुद्ध पेयजल और जल निकासी
-संरक्षण के प्रबंध-परिसर में हरियाली, सौर ऊर्जा की उपयोगिता

कई स्कूल बेहतर, कई पीछे
स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को लागू करने में देश के कई स्कूल बेहतर हैं। इनमें अजमेर सहित अन्य राज्यों के नामचीन पब्लिक स्कूल शामिल हैं। दूसरी ओर सरकारी और ग्रामीण स्कूल में हालात बेहतर नहीं है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां पानी की टंकियों और टॉयलेट की सफाई नहीं होती। सीवरेज के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से परिसर और आसपास गंदगी रहती है। पर्यावरण सुरक्षा के प्रति भी स्कूल संचालक उदासीन हैं।
विश्वविद्यालयों के ये हाल
बीते साल क्लीन-ग्रीन कैंपस योजना के तहत यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को रेटिंग दी थी। इसमें निजी संस्थानों के सामने सरकारी विश्वविद्यालय कहीं नहीं टिक सके। राज्य से जयपुर का मणिपाल यूनिवर्सिटी एकमात्र संस्थान रहा जिसे सूची में द्वितीय स्थान मिला। इनके अलावा हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, असम, उत्तराखंड, चंडीगढ़ और पंजाब के सरकारी और निजी कॉलेज-विश्वविद्यालय शामिल हैं।
31 साल से हो रहा ये बड़ा मजाक

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर टॉॅपर्स को पदक देने का मामला अटका हुआ है। बीते साल कुछ चर्चा हुई थी, पर उसके बाद मामला कागजों में कैद है। प्रशासन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है।
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