अजमेर

सीबीएसई स्टूडेंट्स के लिए गुड न्यूज, अब पांच साल में सुधार सकेंगे डॉक्यूमेंट्स की गलतियां

बोर्ड ने यह साफ किया है कि यह सुविधा 2015 या इसके बाद परीक्षा दे चुके/देने वाले विद्यार्थियों को ही मिल सकेगी।

अजमेरNov 11, 2017 / 11:59 am

raktim tiwari

correction in particulars of cbse

रक्तिम तिवारी/अजमेर।
सीबीएसई के स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है। बोर्ड के दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थी नाम, पिता/माता के नाम अथवा जन्मतिथि में रही गलतियों को पांच साल की अवधि में सुधार करा सकेंगे। लेकिन बोर्ड ने यह साफ किया है कि यह सुविधा 2015 या इसके बाद परीक्षा दे चुके/देने वाले विद्यार्थियों को ही मिल सकेगी।
परीक्षा नियंत्रक के. के. चौधरी ने बताया कि दो साल पूर्व जारी आदेशों के तहत दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों को परिणाम घोषित होने की एक साल की अवधि में नाम, पिता/माता के नाम अथवा जन्मतिथि में रही त्रुटियों में सुधार का विकल्प मिलता था। अब इसमें संशोधन किया गया है। वर्ष 2015 या इसके बाद की परीक्षाओं में ही विद्यार्थी पांच साल की अवधि में संबंधित त्रुटियों में संशोधन करा सकेंगे।
हो रही थी मुश्किलें

सीबीएसई के वर्ष 2015 में जारी एक सर्कूलर के बाद से स्टूडेंट्स परेशान थे। कई स्टूडेंट्स की मार्कशीट और सर्टिफिकेट में नाम, पिता-माता का नाम, जन्म तिथि में त्रुटियां रह जाती हैं। इसके करेक्शन के लिए वे सीबीएसई के संबंधित रीजनल ऑफिस में संपर्क करते हैं। केवल एक साल की अवधि में गलतियों में सुधार के फरमान से कई स्टूडेंट्स को नुकसान हो रहा था। उन्हें हायर स्टडीज, नौकरियों और व्यवसाय में दिक्कतें हो रही हैं। इसको देखते हुए सीबीएसई ने अपने पुराने फैसले में संशोधन किया है।
देश-विदेश में हैं स्टूडेंट्स

सीबीएसई की साख देश-विदेश में है। भारत में इस बार दसवीं-बारहवीं की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 28 लाख तक पहुंच जाएगी। यह देश में इतने स्टूडेंट्स की परीक्षा कराने वाली पहली एजेंसी है। इसके अलावा शारजाह, दुबई, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर और अन्य देशों के स्टूडेंट्स भी सीबीएसई के दसवीं और बारहवीं के एग्जाम देते हैं। देश के अन्य बोर्ड के मुकाबले यह इन्टरनेशनल बोर्ड माना जाता है।
यह हैं सीबीएसई के रीजन

सीबीएसई के देश में कई रीजनल ऑफिस हैं। इनमें अजमेर , इलाहाबाद, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, देहरादून, पंचकुला, नई दिल्ली, पटना, भुवनेश्वर और गुवाहाटी शामिल है। विभिन्न राज्यों को इन रीजन ऑफिस के अधीन किया गया है। मालूम हो कि सीबीएसई का पहला कार्यालय तत्कालीन ब्रिटिश भारत में अजमेर में खोला गया था। यहां से देश भर के स्टूडेंट्स की परीक्षा कराई जाती थी।
देश में अब कई ग्लोबल बोर्ड

सीबीएसई के अलावा देश में कई ग्लोबल बोर्ड भी परीक्षाएं करा रहे हैं। इनमें आईसीएसई, केम्ब्रिज और अन्य बोर्ड शामिल है। खासतौर पर नामचीन पब्लिक स्कूल इन बोर्ड से जुड़े हैं। अजमेर के मेयो कॉलेज गल्र्स स्कूल में इन्टरनेशनल बोर्ड लागू है।
 

 
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