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रक्तिम तिवारी/अजमेर. राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा है कि अजमेर-पुष्कर में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं।अरावली-नाग पहाड़ की सुंदरता, रेतीले धोरे, आनासागर और फायसागर झील सहित पुष्कर मेले का अलग ही आकर्षण है। यह पर्यटकों को लुभाने और पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक है। राज्य सरकार ने 1 हजार करोड़ रुपए के पर्यटन विकास कोष का गठन किया है। इसमें अजमेर और पुष्कर सहित राजस्थान के पर्यटक स्थलों के विकास एवं सौंदर्यकरण के लिए खर्च किया जाएगा। पत्रिका से राठौड़ ने पर्यटन विकास से जुड़ी योजनाओं पर खुलकर बातचीत की।
रक्तिम तिवारी/अजमेर. राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा है कि अजमेर-पुष्कर में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं।अरावली-नाग पहाड़ की सुंदरता, रेतीले धोरे, आनासागर और फायसागर झील सहित पुष्कर मेले का अलग ही आकर्षण है। यह पर्यटकों को लुभाने और पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक है। राज्य सरकार ने 1 हजार करोड़ रुपए के पर्यटन विकास कोष का गठन किया है। इसमें अजमेर और पुष्कर सहित राजस्थान के पर्यटक स्थलों के विकास एवं सौंदर्यकरण के लिए खर्च किया जाएगा। पत्रिका से राठौड़ ने पर्यटन विकास से जुड़ी योजनाओं पर खुलकर बातचीत की।
सवाल-राज्य में पर्यटन विकास को लेकर क्या नई योजनाएं बनाई हैं ? राठौड़-पर्यटन के मामले में राजस्थान देश के कई प्रांतों से अलग है। जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, भरतपुर, जयपुर, माउन्ट आबू और पुष्कर पर्यटन के हब हैं। पहले हम आरटीडीसी के होटल-रेस्टोरेंट में बेहतर संसाधन जुटा रहे हैं। इनमें गुणवत्तापूर्ण भोजन, रहन-सहन की सुविधाएं हों इसके लिए पर्यटन विकास कोष से राशि खर्च की जाएगी।
सवाल-सितंबर में पैलेस ऑन व्हील्स चलाने की घोषणा कर चुके हैं, इसका संचालन किस तरह होगा? जवाब-रेल मंत्रालय ने पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन की अनुमति दी है। इसकी मरम्मत का कार्य जारी है। ट्रेन जिस भव्य तरीके से पहले संचालित थी वैसे ही चलाई जाएगी। ताकि पर्यटकों को राज्य की संस्कृति, धरोहर, खान-पान एवं विरासत को देखने का अवसर मिले।
सवाल-अजमेर में पर्यटन विकास को लेकर क्या योजनाएं हैं, इसे कैसे पूरा करेंगे? राठौड़-आनासागर झील की सुंदरता विख्यात है। यहां कश्मीर की डल झील की तरह शिकारा चलाने की योजना है। ताकि लोग इनमें रुकें, पकवानों का लुत्फ उठाएं और झील के नजारे देखें ।
सवाल-माकड़वाली-होकरा के धोरों में पर्यटन विकास और मरु महोत्सव जैसे आयोजन हो सकते हैं। इसको लेकर पर्यटन निगम और सरकार की क्या प्राथमिकता है ? राठौड़-पुष्कर के नजदीक होने से निश्चित तौर पर यह इलाका नया पर्यटन केंद्र बन सकता है। हम इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराएंगे। यहां होटल-रेस्टोरेंट का विकास, ट्रांसपोर्ट सुविधाएं, महोत्सव से जुड़े आयोजनों को लेकर सरकार से चर्चा करेंगे।
सवाल-पुष्कर में मेले सहित साल भर देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। यहां कोई पर्यटन का नया आकर्षण केंद्र बने इसकी क्या योजना है ? राठौड़-पुष्कर के निकट ही नांद गांव है। इसमें पौराणिक काल का प्राचीन शिव मंदिर है। सरस्वती नदी यहीं होकर निकलती है। मेरी योजना है, कि पुष्कर-नांद होते हुए परिक्रमा मार्ग तैयार किया जाए। यह सनातन धर्म की आस्था का केंद्र बनेगा। जीर्ण-शीर्ण होटल सरोवर का आधुनिक ढंग से सौंदर्यकरण कराया जाएगा। बरसों से पुष्कर मेला गिनी-चुनी गतिविधियों तक सीमित है। यहां कच्छ, पंचकुला, सूरजकुंड की तरह ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। पर्यटकों के लिए टैंट, डेजर्ट फेस्टिवल का आयोजन किया जा सकता है।