scriptउत्सव का उल्लास : पंच पर्व में बाजार में होगी धनवर्षा | Celebration of festival: There will be boom in the market in Panch Par | Patrika News

उत्सव का उल्लास : पंच पर्व में बाजार में होगी धनवर्षा

locationअजमेरPublished: Nov 01, 2021 07:41:13 pm

Submitted by:

baljeet singh

पांच दिवसीय दीपोत्सव शुभारंभ आज से : चहुंओर बिखरेगी स्वर्ण आभा, महालक्ष्मी के आगमन के लिए सजधज कर तैयार है शहर

उत्सव का उल्लास : पंच पर्व में बाजार में होगी धनवर्षा

उत्सव का उल्लास : पंच पर्व में बाजार में होगी धनवर्षा

कोरोना के चलते बीते साल आमजन की दिवाली भले ही फीकी रही हो, लेकिन इस बार लोगों में और खासकर व्यापारियों के उत्साह से वो कमी दूर होती दिखाई दे रही है। बाजारों, सरकारी इमारतों से लेकर घरों में रोशनी और खरीदारी को लेकर उत्साह देखते ही बन रहा है। कोरोना के मामले लगभग खत्म होने की कगार पर है। मंगलवार को कार्तिक कृष्ण द्वादशी युक्त त्रयोदशी से पांच दिवसीय प्रकाश पर्व दीपोत्सव का शुभारंभ होगा। मंदिरों में भी विशेष झांकियां सजेंगी। बुधवार को रूप चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली, हनुमान जन्मोत्सव, गुरुवार को दिवाली, शुक्रवार को गोवर्धन पूजा, शनिवार को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस का अबूझ मुहूर्त होने से वाहन, बर्तन, चांदी के आभूषण सहित अन्य खरीदी करना शुभ रहेगा।
रूप चतुर्दशी का प्रभात स्नान गुरुवार को
ज्योतिषविदों के अनुसार मंगलवार को त्रिपुष्कर योग, उत्तरा फाल्गुनी व हस्त नक्षत्र में दीपदान की शुरुआत होगी। चिकित्सक भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ ही दीप जलाने की शुरुआत होगी। लोग नए बर्तन या दूसरे नए सामान खरीदें। रूप चर्तुदशी पर बुधवार को महिलाएं रूप संवारेगी। गुरुवार को दिवाली पर गणेश महालक्ष्मी पूजन होगी। शुक्रवार को अन्नकूट राजा बली पर भगवान विष्णु का विजयोत्सव है। शहर में नवधान्य के बने पर्वत शिखरों का भोग वितरित किया जाएगा। शनिवार को भाईदूज मनाया जाएगा। बुधवार को चतुर्दशी तिथि का क्षय होने के कारण रूप चतुर्दशी का प्रभात स्नान दिवाली के दिन गुरुवार सुबह चंद्रोदय के साथ सुबह 5.46 बजे संपन्न होगा।
धनतेरस इसलिए है खास

ज्योतिषविदों के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन से 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी, मुख्य रत्न लक्ष्मी, धन्वंतरि और अमृत थे। ा त्रिपुष्कर योग में सोने, चांदी, तांबा, वाहन आदि खरीदने पर धन्वंतरि देवता वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। सूर्य, मंगल और बुध तीनों ग्रह एक साथ तुला राशि में विराजमान होंगे। पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.18 मिनट से रात 8.14 मिनट तक रहेगा।
दिवाली से संबंधी लक्ष्मी-गणेशजी की मूर्ति के अलावा गट्टा, बताशा, खील, दीपक आदि खरीदना अच्छा होता है। कौडिय़ां, झाड़ू की खरीदारी करें। तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाने और श्री सूक्तम् के पाठ करने से धन वैभव में वृद्धि होगी। दिवाली पर तुला राशि में सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा विराजमान रहेंगे।
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