ज्योतिषविदों के अनुसार मंगलवार को त्रिपुष्कर योग, उत्तरा फाल्गुनी व हस्त नक्षत्र में दीपदान की शुरुआत होगी। चिकित्सक भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ ही दीप जलाने की शुरुआत होगी। लोग नए बर्तन या दूसरे नए सामान खरीदें। रूप चर्तुदशी पर बुधवार को महिलाएं रूप संवारेगी। गुरुवार को दिवाली पर गणेश महालक्ष्मी पूजन होगी। शुक्रवार को अन्नकूट राजा बली पर भगवान विष्णु का विजयोत्सव है। शहर में नवधान्य के बने पर्वत शिखरों का भोग वितरित किया जाएगा। शनिवार को भाईदूज मनाया जाएगा। बुधवार को चतुर्दशी तिथि का क्षय होने के कारण रूप चतुर्दशी का प्रभात स्नान दिवाली के दिन गुरुवार सुबह चंद्रोदय के साथ सुबह 5.46 बजे संपन्न होगा।
दिवाली से संबंधी लक्ष्मी-गणेशजी की मूर्ति के अलावा गट्टा, बताशा, खील, दीपक आदि खरीदना अच्छा होता है। कौडिय़ां, झाड़ू की खरीदारी करें। तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाने और श्री सूक्तम् के पाठ करने से धन वैभव में वृद्धि होगी। दिवाली पर तुला राशि में सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा विराजमान रहेंगे।