scriptCensus: जिले में कितने वन्य जीव, स्टाफ यूं तैयार करेगा डाटा | Census: Annual wild animal census start from 5th june | Patrika News

Census: जिले में कितने वन्य जीव, स्टाफ यूं तैयार करेगा डाटा

locationअजमेरPublished: Jun 03, 2020 08:57:25 am

Submitted by:

raktim tiwari

कोरोना लॉकडाउन के चलते विभाग को कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा था।

annual wild animal census

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अजमेर.

वन विभाग सालाना वन्य जीव गणना की तैयारी में जुटा है। विभाग 5-6 जून को गणना कराएगा। कोरोना लॉकडाउन के चलते विभाग को यह तब्दीली करनी पड़ी है।

वन विभाग प्रतिवर्ष वैशाख पूर्णिमा पर अजमेर, किशनगढ़, टॉडगढ़, जवाजा ब्यावर, शोकलिया, पुष्कर और अन्य क्षेत्रों में वन्य जीव की गणना करता है। इनमें पैंथर, सियार, लोमड़ी, साही, हिरण, खरगोश, अजगर, बारासिंगा और अन्य वन्य जीव शामिल होते हैं। वनकर्मी विभिन्न क्षेत्रों में मचान बांधकर वन्य जीव की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। इस बार भी 7 मई को वैशाख पूर्णिमा पर गणना प्रस्तावित थी। कोरोना लॉकडाउन के चलते विभाग को कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा था।
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5-6 जून को गणना

उप मंडल वन संरक्षक सुदीप कौर ने बताया कि विभाग ने 5 और 6 जून को गणना कराने का फैसला किया है। वन्य जीव गणना अजमेर मंडल के विभिन्न वाटर हॉल पर की जाएगी।
यह थी पिछड़ा गणना की स्थिति
नीलगाय (रोझड़ा)-3 हजार, लंगूर-1 हजार , पैंगोलिन नेवला-200, जंगली सूअर-100, मोर-3 हजार, सियार-गीदड़-450। पिछले साल राजगढ़ इलाके में शावक के साथ मादा पैंथर भी दिखाई दी थी। जिले में बाघ, चिंकारा, चीतल, सारस, मछुआरा बिल्ली, गिद्ध, उडऩ गिलहरी, काला हरिण, जंगली मुर्गा, चौसिंगा विलुप्त हो चुके हैं।
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अजमेर. दसवीं और बारहवीं की बकाया परीक्षाओं के लिए सीबीएसई ने काउंसलिंग सेवा शुरू की है। विद्यार्थी 15 जुलाई तक परीक्षा की तैयारी, कोविड-19 संक्रमण के तहत सुरक्षा उपाय, स्वास्थ्य और अन्य विषयों पर सलाह सलाह ले सकेंगे।
दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं से पहले और पेपर देने के दौरान विद्यार्थी मानसिक दबाव और तनावग्रस्त रहते हैं। परीक्षा को लेकर घबराहट, भूख कम लगना, अंकों का दबाव और अन्य कारण शामिल होते हैं। बोर्ड प्रतिवर्ष विद्यार्थियों के लिए काउंसलिंग सेवा शुरू करता है। इस बार लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते बोर्ड को 20 मार्च से परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थी। यह परीक्षाएं अब 1 से 15 जुलाई तक कराई जानी हैं।
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