पहले सरकार खातों में नकद ट्रांसफर का झुनझुना देगी और फिर गैस सब्सिडी की तरह उसे बंद कर देगी। उसके बाद मोदी के मित्र अडानी किसानों का खून चूसेंगे।
बोहरा ने खुला आरोप लगाया कि एक लाख चालीस हजार की खरीदी के बजट की जगह अब एफ सीआई 70000 करोड़ की ही खरीदी करेगा। इससे सरकार के कुत्सित और गरीब विरोधी इरादों को समझा जा सकता है। जब सरकार खरीदेगी ही नही तो गरीबों को बांटेगी कहां से।
कांग्रेस नेता अजयपाल सिंह ने कहा कि मोदी के मित्र अडानी ने हाल ही के दिनों में 10000 करोड़ के आधुनिक गोदाम बनाए हैं। निजी मंडियों से खरीदकर अनाज का भंडारण कर उसे महंगे दामों पर बेचा जाएगा। जब सरकार के पास एफ सीआई है तो उसे खत्म कर उसका काम अडानी को देना उनकी गहरी कारगुजारी को स्पष्ट कर रहा है।
निवर्तमान धौलपुर प्रधान मौनू जादौन ने कहा कि राजस्थान सरकार की मंडियां आधुनिक है, जो सालाना 1000 करोड़ का राजस्व कमा कर उन्हें ग्रामीण विकास में लगा देती है। अगर ये मंडी बंद हुई तो ग्रामीण विकास भी बंद हो जाएगा, क्योंकि निजी मंडियों के सेठ तो कमाई कर के उसे अपनी तिजोरियों में भरेंगे, विकास नहीं करवा सकते।
बोहरा ने कहा कि केंद्र का अहंकार ही उसके पतन का कारण बनेगा। आज 42 दिन बाद 61 किसानों की लाशों को देखकर भी ये उनके दर्द को नहीं समझ रहे। हमारी सरकार भी कृषि बिल ला रही है, जिसमें किसानों के विकास के सभी मुद्दे हैं। हमने सभी वर्गों की राय लेकर ही इन्हें बनाया है। लेकिन केंद्र तो कानून बनाते समय किसी से चर्चा तृक करना नहीं चाहता, जो देश के लोकतंत्र के विरुद्ध है। किसानों को अब जागना ही होगा। देश की 70 फीसदी आबादी किसानों की है। देश की अर्थव्यवस्था इन्हीं के हाथों में है। अगर ये बर्बाद हुई तो देश भी बर्बाद हो जाएगा। पंचायत में किसानों ने बिल वापस करने की मांग को समर्थन दिया। पंचायत में क्षेत्र के एक दर्जन सरपंच, पार्षद व विभिन्न पंचायतों के किसान बड़ी संख्या में मौजूद रहे।