
गरीबों के साथ छलावा कर रही केंद्र सरकार-बोहरा
राजाखेड़ा. तीन कृषि बिलों को निरस्त कराने की मांग को लेकर पिछले 42 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर जुटे किसानों के समर्थन में राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा ने बुधवार को राजाखेड़ा में किसान पंचायत का आयोजन किया। जिसमें उन्होंने कहा की मोदी सरकार देश के किसानों और गरीब जनता के साथ छलावा कर रही है।
जिस प्रकार गैस की सब्सिडी खत्म की गई, ठीक उसी प्रकार एमएसपी खत्म कर कृषि को निजी हाथों में सौंपकर सरकारी खरीदी बंद करने का इरादा लेकर मोदी चल रहे है। जब खरीदी ही नही होगी तो खाद्य सुरक्षा योजना में गरीबों को अन्न कहां से मिलेगा।
पहले सरकार खातों में नकद ट्रांसफर का झुनझुना देगी और फिर गैस सब्सिडी की तरह उसे बंद कर देगी। उसके बाद मोदी के मित्र अडानी किसानों का खून चूसेंगे।
एफसीआई का बजट किया आधा ...
बोहरा ने खुला आरोप लगाया कि एक लाख चालीस हजार की खरीदी के बजट की जगह अब एफ सीआई 70000 करोड़ की ही खरीदी करेगा। इससे सरकार के कुत्सित और गरीब विरोधी इरादों को समझा जा सकता है। जब सरकार खरीदेगी ही नही तो गरीबों को बांटेगी कहां से।
अडानी ने बनाए गोदाम
कांग्रेस नेता अजयपाल सिंह ने कहा कि मोदी के मित्र अडानी ने हाल ही के दिनों में 10000 करोड़ के आधुनिक गोदाम बनाए हैं। निजी मंडियों से खरीदकर अनाज का भंडारण कर उसे महंगे दामों पर बेचा जाएगा। जब सरकार के पास एफ सीआई है तो उसे खत्म कर उसका काम अडानी को देना उनकी गहरी कारगुजारी को स्पष्ट कर रहा है।
सरकार का गिरेगा राजस्व ...
निवर्तमान धौलपुर प्रधान मौनू जादौन ने कहा कि राजस्थान सरकार की मंडियां आधुनिक है, जो सालाना 1000 करोड़ का राजस्व कमा कर उन्हें ग्रामीण विकास में लगा देती है। अगर ये मंडी बंद हुई तो ग्रामीण विकास भी बंद हो जाएगा, क्योंकि निजी मंडियों के सेठ तो कमाई कर के उसे अपनी तिजोरियों में भरेंगे, विकास नहीं करवा सकते।
अहंकार ही बनेगा पतन का कारण...
बोहरा ने कहा कि केंद्र का अहंकार ही उसके पतन का कारण बनेगा। आज 42 दिन बाद 61 किसानों की लाशों को देखकर भी ये उनके दर्द को नहीं समझ रहे। हमारी सरकार भी कृषि बिल ला रही है, जिसमें किसानों के विकास के सभी मुद्दे हैं। हमने सभी वर्गों की राय लेकर ही इन्हें बनाया है। लेकिन केंद्र तो कानून बनाते समय किसी से चर्चा तृक करना नहीं चाहता, जो देश के लोकतंत्र के विरुद्ध है। किसानों को अब जागना ही होगा। देश की 70 फीसदी आबादी किसानों की है। देश की अर्थव्यवस्था इन्हीं के हाथों में है। अगर ये बर्बाद हुई तो देश भी बर्बाद हो जाएगा। पंचायत में किसानों ने बिल वापस करने की मांग को समर्थन दिया। पंचायत में क्षेत्र के एक दर्जन सरपंच, पार्षद व विभिन्न पंचायतों के किसान बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
Published on:
06 Jan 2021 11:43 pm
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