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जातिगत समीकरणों में उलझा सभापति का टिकट, निर्दलीय खेल रहे दांव-पेच

locationअजमेरPublished: Dec 14, 2020 11:32:23 pm

Submitted by:

Dilip

सामान्य महिला की सीट है सभापति की
जिला मुख्यालय स्थित नगरपरिषद में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद वैसे ही पूरा दारोमदार निर्दलीयों के भरोसे टिका है, वहीं अब दोनों ही पार्टियों के समक्ष जातिगत पेंच फंस गया है। जिसको साधने में दोनों ही पार्टियां जुट गई हैं। वहीं निर्दलीयों की संख्या अधिक होने तथा बोर्ड बनाने में उनका सहयोग जरूरी होने के कारण वे भी दोनों दलों को छका रहे हैं।

जातिगत समीकरणों में उलझा सभापति का टिकट, निर्दलीय खेल रहे दांव-पेच

जातिगत समीकरणों में उलझा सभापति का टिकट, निर्दलीय खेल रहे दांव-पेच

धौलपुर. जिला मुख्यालय स्थित नगरपरिषद में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद वैसे ही पूरा दारोमदार निर्दलीयों के भरोसे टिका है, वहीं अब दोनों ही पार्टियों के समक्ष जातिगत पेंच फंस गया है। जिसको साधने में दोनों ही पार्टियां जुट गई हैं। वहीं निर्दलीयों की संख्या अधिक होने तथा बोर्ड बनाने में उनका सहयोग जरूरी होने के कारण वे भी दोनों दलों को छका रहे हैं। ऐेसे में दोनों ही दलों को उनकी बात मानने को मजबूर होना पड़ रहा है। धौलपुर में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। दोनों दल २२-२२ सीट पर आए हैं, ऐसे में बोर्ड बनाने के लिए निर्दलीयों का सहारा जरूरी है।
सूत्रों ने बताया कि सभापति का पद सामान्य महिला के लिए होने के कारण कई पार्षद भी सामान्य महिला को बैठाने की बात कह रहे हैं। ऐसे में कई प्रबल दावेदार माने जा रहे पार्षदों के साथ दोनों ही दलों के पदाधिकारी संशय की स्थिति में आ गए हैं। चर्चा यह भी है कि निर्दलीयों ने तो यहां तक कह दिया कि अगर एक दल ने संतुष्ट नहीं किया तो वे दूसरे दल में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में दोनों दल अपने-अपने जीते प्रत्याशियों को लेकर घूम रहे हैं। कांग्रेस के पार्षदों को पार्टी दूसरे शहर लेकर गई है, लेकिन उनके पास भी अभी तक पूरे पार्षद नहीं होने की जानकारी सामने आ रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि निर्दलीय ही दोनों पार्टियों को अपने समाज का सभापति बनाने पर जोर दे रहे हैं। इस पर कुछ हद तक पार्टियां भी राजी होती दिख रही हैं।
धौलपुर में ६० सीटों में से २२ भाजपा, २२ कांग्रेस, एक बसपा तथा १५ निर्दलीय पार्षद बनकर आए हैं। इसके बाद से ही निर्दलीयों को अपने पक्ष में करने की जोड़ तोड़ शुरू हो गई है।
अब पालिकाध्यक्ष पद के लिए कवायद
अंदरखाने में मच सकता है घमासान

राजाखेड़ा. राजाखेड़ा नगरपालिका मंडल चुनाव में कांग्रेस ने भले ही स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर लिया है और 2 निर्दलीय भी उसके साथ हैं। ऐसे में उसके पास पर्याप्त संख्या बल तो मौजूद हैं, लेकिन अध्यक्ष पद के लिए अभी अंदरखाने के घमासान से निपटना भी उसके लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ऐसे में स्थानीय विधायक की रणनीति पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं कि समन्वय स्थापित कर वे बहुध्रुवीय समीकरणों पर कैसे विजय हासिल कर पाते हैं।
सूत्रों के अनुसार एक पूर्व पालिकाध्यक्ष और एक मजबूत राजनीतिक परिवार जिसके 2 सदस्य 3 बार अध्यक्ष पद संभाल चुके हैं, के बीच रस्साकसी बढ़ती जा रही है। वहीं 3 अन्य व्यापारी वर्ग के सदस्य भी अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर लॉबिंग आरम्भ कर चुके हैं। हालांकि उनमें से किसी के पास गहन राजनीतिक अनुभव न होना उनकी दावेदारी को कमजोर करेगा, लेकिन अल्पसंख्यक कार्ड खेलकर 2 अन्य सदस्य भी स्थानीय आलाकमान के लिए समस्या पैदा कर सकते है। ऐसे में मुकाबला रोचक होता जा रहा है और लोगों में इसको लेकर चर्चाओं का दौर भी तेज होता जा रहा है। गली मोहल्ले और चोराहे इन चर्चाओं को तेजी से गरम करते जा रहे हैं। हालांकि फैसला होने में अभी 6 दिन बाकी हैं, पर अब लोग बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं।
पार्षद परिणाम आने के बाद अब पालिकाध्यक्ष को लेकर चर्चा

– अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित हैं चेयरमैन की कुर्सी
-कांग्रेस का बनेगा बोर्ड

बाड़ी. नगर पालिका में पार्षद चुनाव परिणाम आने के बाद जहां एक तरफ स्थिति साफ हो गई है कि बाड़ी नगरपालिका का अगला बोर्ड कांग्रेस का ही बनेगा, यानी कांग्रेस फिर से बाड़ी में नगरपालिका का बोर्ड बनाएगी। ऐसे में अब चर्चा इस बात को लेकर है कि नगरपालिका का अगला चेयरमैन कौन बनेगा। कई नामों को लेकर चर्चा हो रही है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि नगर पालिका की अगली चेयरमैन अनुसूचित जाति वर्ग से कोई महिला ही बनेगी। चेयरमैन को लेकर चर्चा शहर में कहीं भी देखी जा सकती है।
लोगों का मानना है कि चेयरमैन बनाने में विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की मुख्य भूमिका होगी, लेकिन विधायक गिर्राज सिंह किसको चेयरमैन बनाते हैं, यह नामांकन के दौरान पर्चा दाखिल करने के बाद ही पता चल सकेगा।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि कांग्रेस की सीट पर वार्ड 8 से पार्षद बनी कमलेश और वार्ड 19 से पार्षद बनी राजेश्वरी में से कोई एक नगर पालिका की चेयरमैन बन सकती है, लेकिन इसको लेकर ना तो अभी विधायक ने कोई संकेत दिया है और ना कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई जानकारी दी गई है।
ऐसे में लोग कई प्रकार के कयास लगा रहे हैं। दूसरी और भाजपा की मात्र 3 सीटे आने से पालिका में विपक्ष पर्याप्त बहुमत में नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में ना तो चेयरमेन की कुर्सी को लेकर कोई दांवपेंच होता दिखाई दे रहा है और ना पार्षदों की खींचतान हो रही है, क्यों की 45 सदस्यीय नगर पालिका में कांग्रेस के पास खुद के 26 और कुछ निर्दलीय पार्षद है। कुल मिलाकर कांग्रेस के पास 32 से भी अधिक सदस्य बताए जा रहे है।
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