scriptउसका कसूर बस इतना था कि मर्जी से कोर्ट मैरिज कर ली, गुस्साए परिजन ने अपनी ही बेटी को जिंदा जला दिया! | Charged with the death of a married daughter alive | Patrika News
अजमेर

उसका कसूर बस इतना था कि मर्जी से कोर्ट मैरिज कर ली, गुस्साए परिजन ने अपनी ही बेटी को जिंदा जला दिया!

झुलसी युवती ने पुलिस को पर्चा बयान में लगाया साफ आरोप, परिजन चाहते थे कि वह पहले वाले सुसराल ही जाए, कोर्ट मैरिज करने से खफा थे माता-पिता, तीन भाई, बुआ और मामा

अजमेरFeb 27, 2021 / 11:54 pm

suresh bharti

उसका कसूर बस इतना था कि मर्जी से कोर्ट मैरिज कर ली, गुस्साए परिजन ने अपनी ही बेटी को जिंदा जला दिया!

उसका कसूर बस इतना था कि मर्जी से कोर्ट मैरिज कर ली, गुस्साए परिजन ने अपनी ही बेटी को जिंदा जला दिया!

सरदारशहर (चूरू). महिला अत्याचार, दहेज प्रथा, यौन उत्पीडऩ सहित नारी अन्याय के खिलाफ कितने ही कानून बनाए जाएं। वारदातों में कमी ही नहीं आ रही। पीडि़ता कहीं फंदे पर झूल रही है तो कहीं आत्मदाह करने को मजबूर है। कुछ जगह विवाहिता की हत्या के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक प्रकरण रामनगर वार्ड नं. तीन निवासी कौशल्या का है।
आरोप है कि उसने कोर्ट मैरिज कर ली। उसकी पहले शाादी वर्ष 2014 में नाकरासर में हुई थी। उसके एक चार साल की बेटी भी है। विवाहिता की नुवा निवासी युवक चेतन प्रजापत से प्रेम संबंध बताए। दोनों ने करीब एक सप्ताह पहले ही कोर्ट में शादी कर ली थी। पीहर पक्ष इससे खफा था। आरोप है कि नाराज पीहर ने पेट्रोल डालकर कौशल्या को जला दिया। शनिवार को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। वह पहले वाले ससुराल जाने की तैयार नहीं थी
गुरुवार रात विवाहिता को झुलसी हालत में अस्पताल लाया

विवाहिता कुछ दिनों पहले ही पीहर आई थी। उसने शादी के बारे में परिजन को बताया, लेकिन पीहर पक्ष के लोग इससे नाराज थे। बताया जा रहा है कि उस पर रिश्ता तोड़ते हुए ससुराल जाने के लिए कहा जा रहा था। गुरुवार की रात विवाहिता को झुलसी हालत में स्थानीय अस्पताल लाया गया, जहां कौशल्या ने पुलिस को दिए पर्चा बयान में अपने माता-पिता, तीन भाइयों, बुआ व मामा पर कमरे में पेट्रोल डालकर जलाने का आरोप लगाया था।
शादी के खिलाफ थे परिजन

पीहर पक्ष के लोगों को विवाहिता के दूसरे विवाह के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं थी। विवाहिता कौशल्या की ओर से नुवा निवासी चेतन प्रजापत के साथ रहने की बात कही जा रही थी, लेकिन पीहर पक्ष के लोग इसके लिए तैयार नहीं थे जो लगातार ससुराल जाने के लिए दबाव बना रहे थे। इस बात को लेकर आपस में अनबन भी चल रही थी।

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