scriptShamefull:धार्मिक यात्रा में भी दे डाला धोखा, यूं चुकानी पड़ी कीमत | cheating with religious pilgrim, consumer court order for payment | Patrika News

Shamefull:धार्मिक यात्रा में भी दे डाला धोखा, यूं चुकानी पड़ी कीमत

locationअजमेरPublished: Aug 11, 2018 03:55:49 pm

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

religious tour

religious tour

अजमेर

धार्मिक यात्रा में संतोषजनक सेवाएं नहीं देने पर ट्रेवल कंपनी पर 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति व 5 हजार रुपए परिवाद व्यय दिलाने के आदेश उपभोक्ता संरक्षण मंच अजमेर ने दिए हैं। प्रार्थी परबतपुरा निवासी चारू ग्रोवर ने वकील जवाहरलाल शर्मा व महेन्द्र चौधरी के जरिए प्रस्तुत परिवाद में हरियाणा की यात्रा डॉट कंपनी के अधिकारी हितपाल सिंह व मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पक्षकार बनाया गया।
परिवाद में बताया कि ट्रेवल कंपनी ने 86 हजार रुपए में पांच रात्रि व 6 दिन में अहमदाबाद, भुज,जामनगर, द्वारका व सासानगर गिना किसी कठिनाई के यात्रा कराने का आश्वासन दिया। इस पर प्रार्थी ने वृद्ध मां व बुआ को यात्रा कराने के लिए ऑन लाइन 86 हजार रुपए जमा कराए।
यात्रा 7 जनवरी 2015 को रवाना हुई। यात्रा के अहमदाबाद पहुंचने पर प्रार्थी के नाम कोई कमरा बुक होना नहीं बताया। इसकी शिकायत करने परा प्रार्थी के परिजन को साधारण होटल में ठहरा दिया। इस कारण प्रार्थी के परिजन का समय बर्बाद हुआ वह अहमदाबाद नहीं घूम पाए।
भुज में भी उसे निचले स्तर के होटल में ठहरा दिया गया। परिवाद में अन्य परेशानियों को भी बताया गया।
मंच ने फैसले में लिखा कि विज्ञापन के माध्यम से भोली भाली जनता को गुमराह करआरामदेह यात्रा का भ्रम फैलातेहैं। शर्तो अनुसार सुविधाएं नहीं दी जाती। जिससे आमजन को नए शहर में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंच ने मानसिक संताप के 50 हजार रुपए व परिवाद व्यय 5 हजार रुपए परिवादी को बतौर क्षतिपूर्ति दिलाने के आदेश दिए।
बेखौफ ले जाइए यहां से कोई भी सामान

प्रदेश में जीएसटी के बाद ई -वे बिल प्रणाली एक वर्ष बाद भी सख्ती से लागू नहीं की जा सकी है। ई वे बिल की अनिवार्यता जीएसटी लागू होने के साथ ही शुरू हो गई थी लेकिन व्यापारियों के लिए शिथिलता दी गई है। हाईवे चैकिंग के दौरान व्यापारियों की समझाइश का दौर पिछले करीब आठ माह से चल रहा है। वाणिज्य कर विभाग के इस ढुलमुल रवैए के चलते व्यापारी भी निश्चिंत हो गए हैं। विभाग को उच्च स्तर से निर्देश नहीं मिलने के कारण वह भी सख्ती करने मेंअसमर्थ है।

ट्रेंडिंग वीडियो