इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्याय की शुरुआत दावे, जवाबी दावे तथा वकीलों की बहस से शुरू होकर खत्म होती है इसके लिए भवन महत्वपूर्ण नहीं है। आम आदमी के लिए भी कोर्ट भवन निराशा का माहौल देते हैं। लेकिन आमजन के लिए न्याय की कीमत कभी कम नहीं होती। नन्द्राजोग ने कहा कि न्याय के लिए यह भवन समुचित वातावरण उपलब्ध करवाएगा जिससे त्वरित व सुगम न्याय मिलेगा।
नांद्राजोग ने कहा कि कोर्ट की पहचान वास्तव में त्वरित फैसलों के लिए होनी चाहिए। छोटे और बड़े भवनों से ज्यादा उनकी महत्ता त्वरित न्याय के लिए मानी जाती है। आम जनता की निगाहें भी अदालतों की तरफ होती है। न्यायालय और न्याय की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी बार और बैंच की होती है न्यायिक व्यवस्था पर आमजन का विश्वास कायम रहे इसके लिए दोनों को संयुक्त प्रयास करने चाहिए।
कार्यकरम को न्यायाधीश के.एस.अहलूवालिया, न्यायाधीश अजय रस्तोगी, जिला एवं सैशन न्यायाधीश विनोद भारवानी ने भी संबोधित किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन बार सचिव नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने किया। भीलवाड़ा एडीए किशन गुर्जर तथा अजमेर बार कार्यकारिणी के सदस्यों न्यायाधीशों को स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पूर्व न्यायाधीश तथा अधिवक्ता शामिल हुए।
9 मंजिला होगा कोर्ट कॉम्प्लेक्स
संयोगिता नगर की 4 बीघा भूमि पर 9 मंजिला कोर्ट कॉम्प्लेस भवन बनाया जाएगा। इस पर 138 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रारंभिक चरण में 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कॉम्पलेक्स में चारदीवारी तथा भूतल में पार्किंग की व्यवस्था होगी। वकीलों के लिए 250 चैम्बर्स, कोर्ट भवन, न्यायधीश कक्ष, पक्षकारों के बैठने के लिए स्थान, फैसिलेटिंग एरिया, कैफेटेरिया आदि का निर्माण प्रस्तावित है। हाईटेक भवन में लिफ्ट, सीसी टीवी कैमरा, इंटरनेट अदि की सुविधा उपलब्ध होगी।
संयोगिता नगर की 4 बीघा भूमि पर 9 मंजिला कोर्ट कॉम्प्लेस भवन बनाया जाएगा। इस पर 138 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रारंभिक चरण में 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कॉम्पलेक्स में चारदीवारी तथा भूतल में पार्किंग की व्यवस्था होगी। वकीलों के लिए 250 चैम्बर्स, कोर्ट भवन, न्यायधीश कक्ष, पक्षकारों के बैठने के लिए स्थान, फैसिलेटिंग एरिया, कैफेटेरिया आदि का निर्माण प्रस्तावित है। हाईटेक भवन में लिफ्ट, सीसी टीवी कैमरा, इंटरनेट अदि की सुविधा उपलब्ध होगी।