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खुशनसीब हैं वो बच्चें जिन्होंने मनाया बाल दिवस, कुछ वो भी थे जो मजबूरी में कर रहे ‘बाल’ मजदूरी

locationअजमेरPublished: Nov 15, 2018 05:44:29 pm

Submitted by:

सोनम

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child labour increased in rajasthan day by day

खुशनसीब हैं वो बच्चें जिन्होंने मनाया बाल दिवस, कुछ वो भी थे जो मजबूरी में कर रहे ‘बाल’ मजदूरी

अजमेर. बाल दिवस पर बुधवार को जहां स्कूली बच्चे बाल मेले का लुत्फ उठा ले रहे थे, वहीं कुछ बच्चे स्कूल, पढ़ाई को पीछे छोड़ अपना और अपने परिवार को पेट भरने के लिए फुटपाथ पर ढाबे, रेस्टोरेंट पर बाल मजदूरी करते नजर आए। यूं तो बालश्रम करना और कराना कानूनी अपराध है लेकिन यह नियम-कायदे जिम्मेदार अधिकारियों को यदाकदा ही विभागीय आंकड़े पूरे करने के लिए याद आता है।
संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के बाहर ‘हीरू’ और ‘धीरू’(बदले हुए नाम) स्कूल जाने और पढऩे लिखने की बजाए दिन उगने के साथ साफ-सफाई आटा गूंधने, प्याज, सब्जी काटने के काम में जुट जाते हैं। बदले में उन्हें दो वक्त की रोटी व महीना होने पर चंद रुपए मिल जाते हैं। अपने इस मेहनताने को वह अपने परिवार को भेजकर उनके पेट भरने की जुगत करते हैं। ऐसे ही सैकड़ों हीरू और धीरू है जो शहर की सडक़ों पर दिन-रात अपने और अपने परिवार के भरने पोषण के जूझते रहते हैं।
यहां अब भी चूल्हे का धुआं
उज्ज्वला योजना से भले शहर व ग्रामीण इलाके में रसोई तक घरेलू गैस पहुंच गई लेकिन अस्पताल के बाहर संचालित फुटपाथी ढाबे पर अब भी सुबह शाम चूल्हा और उसका धुआं उठता है। यहां काम करने वाले बाल श्रमिक चूल्हे पर ही चपाती सेकते हैं। इससे अस्पताल के आसपास सुबह-शाम धुएं से माहौल प्रदूषित रहता है।
ये हैं जिम्मेदार

बालश्रम रोकने के लिए यूं तो जिला पुलिस की मानव तस्करी निरोधी शाखा को जिम्मेदारी दे रखी है। रिजर्व पुलिस लाइन में ऑफिस संचालित है लेकिन शाखा में तैनात अधिकारी यदाकदा ही शहर की सडक़ों पर कार्रवाई नजर आते हैं। ऐसे में होटल, ढाबे पर काम करने वाले बालश्रमिक कार्रवाई के कुछ दिन बाद फिर से सक्रिय हो जाते हैं।

पुलिस के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग बालश्रम की रोकथाम पर कार्रवाई कर सकता है। वहीं शहर में ऐसी की संस्थाएं हैं जो बालश्रम की रोकथाम के लिए सक्रिय है लेकिन उनकी सक्रियता भी सिर्फ कागजी आंकड़ों और रिकॉर्ड तक ही सीमित है।

बालश्रम रोकने के लिए मानव तस्करी निरोधी शाखा है। गत दिनों आईजी और मैंने शाखा के कामकाज की समीक्षा की थी। कार्य संतोषजनक नहीं है।

राजेश सिंह, पुलिस अधीक्षक अजमेर

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