उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के तन्झुनपुर के गरीब परिवारों ने कुछ दिनों पहले अपने बच्चों को राजस्थान के पाली निवासी अल्ताफ के चूड़ी बनाने के कारखाने में काम करने के लिए भेजा। उसने काम के बदले परिजन को प्रतिमाह 2 से 3 हजार रुपए देने का वादा किया। कुछ दिनों बाद ही अल्ताफ ने बच्चों के साथ मारपीट करना शुरू कर दी। वहां पर पहले से मौजूद एक बच्चे के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार देखकर तीनों बच्चे डर गए।
चारों बच्चे दो दिन पहले वहां से भाग निकले और ट्रेन में बैठ गए। यात्रा के दौरान एक यात्री ने मंगलवार को अजमेर रेलवे स्टेशन पर चारों बच्चों को जीआरपी के हवाले कर दिया। उन्होंने बाल कल्याण समिति के आदेश पर चारों बच्चों को कुंदन नगर स्थित खिलती कलियां आश्रम भेज दिया। अब जीआरपी व जिला पुलिस बच्चों की जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे में लगी है।
केस- 1 कौशाम्बी निवासी 8 साल के मंयक (बदला हुआ नाम) को तीन माह पहले चूड़ी बनाने के कारखाने में काम करने भेजा। चूड़ी बनाते समय गलती होने पर उसे कांच के नगीनों एवं सिगरेट से पीठ, कमर व पेट पर दागा जाने लगा। उसके दोनों पैर के घुटनों को लोहे के प्लास से मार-मारकर सुजा दिया गया। अब वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा है।
केस- 2 कौशाम्बी निवासी 12 साल का राजू (बदला हुआ नाम) 15 दिन पहले पाली आया था। चूड़ी बनाते समय अंगुलियां कटने पर भी काम कराया जाता था। भरपेट खाना भी नहीं मिलता था।
केस- 3 बारह वर्षीय शंशाक (बदला हुआ नाम) ने बताया कि घर की याद आने पर उसे मारा जाता, उसके माता-पिता से फोन पर भी बात नहीं कराई जाती थी। केस- 4
तेरह साल के कुलदीप (बदला हुआ नाम) ने बताया कि पिता मजदूरी और माता घरों में काम करती है। प्रतिमाह 2 हजार रुपए देने का वादा किया था। चूड़ी टूटते ही गाल पर थप्पड़ मारा जाता था।
इनका कहना है चार बच्चे पाली से भागकर आए हैं। इसमें एक बच्चे की हालत खराब है। उसे जगह-जगह से कांच और सिगरेट से दागा गया है। उसके दोनों घुटने सूज रहे हैं। बच्चे का मेडिकल करवाने और आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
विभोर झां, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति अजमेर “>देखें वीडियो